राज्य सरकार सभी इंजीनियरिंग कॉलेज की डिजिटल ऑनलाइन लाइब्रेरी तैयार करने के इच्छुक हैं। तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने इसके निर्देश दिए हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के तीन इंजीनियरिंग कॉलेज का चयन किया गया है। तीनों कॉलेज की इंजीनियरिंग और अन्य संकाय की पुस्तकें ई-फॉर्मेट में तब्दील की जाएंगी। इन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य के सभी कॉलेज की लाइब्रेरी में विविध विषयों की किताबें मंगवाई जाएंगी। इनमें राजस्थान और अन्य प्रांतों के साहित्य, कला-संस्कृति, इतिहास, नाट्य विधा, परम्पराओं, सम-सामायिकी, वैश्विक गतिविधियों से जुड़ी किताबें, पुराने और नए नामचीन लेखकों की पुस्तकें शामिल होंगी। ताकि यहां विद्यार्थियों, शिक्षकों विशेषज्ञों, अधिकारियों और कर्मचारियों को पढऩे के लिए वृहद सामग्री मिल सके।
-विद्यार्थी, शिक्षक, विशेषज्ञ और शोधार्थी को मिलेंगे ई-कंटेंट
-उपलब्ध लिंक से घर बैठे पढ़ सकेंगे पुस्तकों से
-पुस्तकों के कंटेंट बरसों तक रहेंगे सुरक्षित
-राज्य के सभी तकनीकी शिक्षा संस्थानों को होगी सुविधा
-एआईसीटीई, यूजीसी की लाइब्रेरी से भी होगी लिंक
-महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (1987 से)
-सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय (1836 से)
-दयानंद कॉलेज और सोफिया कॉलेज (करीब 70 साल से)
राज्य के तीन कॉलेज में डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जाएगी। इसमें ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध होंगे। विद्यार्थियों ,शिक्षकों और तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों को इसका लाभ मिलेगा।
डॉ. जितेंद्र डीगवाल, प्राचार्य महिला इंजीनियरिंग कॉलेज