भारत सरकार के जवाहरलाल नेहरू सोलर मिशन एवं राज्य सरकार के राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काश्तकारों को खेती-बाड़ी के लिए खेतों में सौर ऊर्जा संयत्र लगवाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराता है। इसके तहत आवेदन करने वाले काश्तकारों को पांच एचपी के सौर ऊर्जा संयत्र लगाने पर करीब 3.50 लाख रुपए खर्च होते हैं।
विभाग की ओर से इसके लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। साथ ही यदि काश्तकार ने अजमेर विद्युत वितरण निगम में कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन कर रखा है और वह आवेदन वापस लेता है तो उसे 75 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
वन विभाग के उद्यानिकी विभाग के अनुसार किशनगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में 400 के करीब काश्तकारों ने खेतों में सौर ऊर्जा संयत्र लगवाए हैं। वहीं 80 के करीब पत्रावलियां विभाग के पास पेडिंग चल रही हैं।
हर माह आने वाले बिल से मुक्ति खेतों में सौर ऊर्जा उपकरण लगवाने से एक बार ही खर्चा लगता है। इसके बाद हर माह भरने वाले हजारों रुपए के बिलों से मुक्ति मिल जाती है। इसमें बिजली की कटौती की समस्या और सिंचाई के लिए रात्रि के समय ही विद्युत आपूर्ति करने पर काश्तकारों को परेशानी भी होती है। सर्दी में रात्रि में फसलों को पानी पिलाने में सर्वाधिक असुविधा होती है। इसके कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं।
दिन में कर सकते हैं सिंचाई उक्त संयत्र से उत्पादित बिजली से सुबह से शाम तक सिंचाई की जा सकती है अथवा लाइट का उपयोग किया जा सकता है। सूर्यास्त के साथ ही यह बंद हो जाता है। वर्तमान में इसमें बिजली स्टोरेज आदि की सुविधा नहीं मिलती है।
ऊर्जा निती घोषित करने वाला प्रथम राज्य जानकारों के अनुसार राजस्थान ने अपनी सौर ऊर्जा नीति की घोषणा 19 अप्रेल 2011 में की थी। सौर नीति घोषित करने वाला राजस्थान भारत का पहला राज्य है। राजस्थान में प्रथम सौर ऊर्जा संयत्र मथानिया जोधपुर में स्थापित किया गया, जबकि राजस्थान में नीजि क्षेत्र में सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयत्र खींवसर नागौर में स्थापित है। राजस्थान में सर्वाधिक ऊर्जा की संभावना वाला स्त्रोत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा व बायो गैस है।
सौर ऊर्जा संयत्र लगाने में काश्तकारों को रूझान बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षो में 400 से अधिक काश्तकार उक्त संयत्र अपने खेतों में लगा चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में 80 के करीब फाइलें पेडिंग चल रही है।
– दयालराम कुमावत, सुपरवाइजर उद्यानिकी विभाग किशनगढ़
– दयालराम कुमावत, सुपरवाइजर उद्यानिकी विभाग किशनगढ़