अजमेर विकास प्राधिकरण में मैटेरियल की गुणवत्ता जांच के लिए २५ साल पहले स्थापित की गई राजकीय प्रयोगशाला को ही हटाया दिया गया है। प्रयोगशाला की मशीनें स्टोर में रखवा दी गई हैं। जबकि निर्माण विभाग के नगर खंड में गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला तो है लेकिन यहां जांच करने वाले अधिकारी ही नहीं हैं। इस संभागस्तरीय प्रयोगशाला पर अब ताला लग गया है। इस प्रयोगशाला के जरिए सड़क निर्माण व भवन आदि निर्माण में इस्तेमाल की जाने सीमेंट, कंकरीट, ब्रिक, क्यूब, ब्यूटीमन, पत्थर, ब्लॉक वाली सामग्री की गुणवत्ता जांच होती थी। हालांकि विभागीय अधिकारियों की कहना है कि मैटेरियल की जांच मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं में करवाई जाती है। पीडब्ल्यूडी की प्रयोगशाला का चार्ज अतिरिक्त मुख्य अभियंता के टीए को दिया गया है।
मुफ्त में उठा रहे तनख्वाह सार्वजनिक निर्माण विभाग की प्रयोगशाला में असिस्टेंट टेस्टिंग ऑफिसर एटीओ का पद खाली है। सहायक अभियंता के दो पद खाली है। जूनियर अकाउंटेंट का एक पद तथा क्लर्क के ४ पद खाली हैं। हालांकि प्रयोगशाला में नियुक्त ८ कार्मिकों को बिना काम के ही तनख्वाह दी जा रही है। पूर्व में निर्माण विभाग की प्रयोगशाला में अन्य राजकीय तथा केन्द्रीय विभाग तथा कोई व्यक्ति भी अपनी निर्माण सम्बन्धी जांच करवा सकता था। इससे निर्माण विभाग को फीस के रूप में आमदनी भी होती थी।
कहीं और से करवाएं जांच ग्राम पंचायत भटियानी के सरपंच ने पीडब्ल्यूडी नगर खंड को ग्रेवल पीआई जांच के लिए पत्र लिखा था। इसके जवाब में पीडब्ल्यूडी का कहना है कि गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला में सहायक परीक्षण अधिकारी एवं तकनीकी कर्मचारी अध्ािकारी कार्यरत नहीं है। इसलिए जांच अन्य कहीं पर करवाएं।
हम खुद बाहर से करवाते हैं जांच प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास प्रयोगशाला के लिए अभियंता नहीं है। इसके लिए एक १ एक्सइएन, १ एइएन व १ जेइएन चाहिए। असिस्टेंट साइंटिस्ट भी नहीं है। लेबर की भी कमी है। मशीनें पुरानी हो चुकी हैं। हम सैम्पल लेकर खुद जांच के लिए निजी लैब जाते हैं और अपनी मौजूदगी में जांच करवाते हैं।
इनका कहना है प्रयोगशाला में एक्सइएन सहित अन्य स्टाफ नहीं है, जांच कैसे करें। मुख्यालय से स्टाफ की मांग की गई है। -बी.एल बैरवा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी अजमेर