प्रदेश में अजमेर के बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में तीन साल से स्थाई प्राचार्य नहीं है। यहां राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय को प्रो. रंजन माहेश्वरी कार्यवाहक जिम्मेदार संभाल रहे हैं। इसी तरह राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अजयसिंह जेठू इस्तीफा देकर वापस एमएनआईटी लौट चुके हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने अजमेर के बॉयज और महिला सहित बांसवाड़ा, झालवाड़ और अन्य कॉलेज में प्राचार्य भर्ती के लिए फरवरी में आवेदन मांगे थे। इसके बाद दस महीने निकल चुके हैं। ना साक्षात्कार ना नियुक्ति
तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्राचार्य पद के लिए जुलाई-अगस्त में साक्षात्कार कराने की योजना बनाई थी। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी से परामर्श कर आवेदन की छंटनी और कार्यक्रम भी बनाया गया। लेकिन ऐनमौके पर इसे स्थगित कर दिया गया। इसके बाद दोबारा साक्षात्कार तिथि तय नहीं हुई है।
..तो अगले सत्र तक इंतजार प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज को मौजूदा सत्र में नए प्राचार्य मिलने मुश्किल हैं। फिलहाल चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। विधासनभा चुनाव प्रक्रिया 11 दिसम्बर को पूरी होगी। इसके बाद बनने वाली सरकार का तत्काल प्राचार्य लगाना मुश्किल है। ऐसे में कॉलेज को सत्र 2019-20 में ही नए प्राचार्य मिलने की उम्मीद है।
एक प्राचार्य पर दो जिम्मेदारी
बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में जून 2015 से स्थाई प्राचार्य नहीं है। इंजीनियरिंग कॉलेज में मनमाने ढंग से नियुक्तियां, सामग्री की खरीद-फरोख्त,आरटीयू की परीक्षाओं में बिना जांचे अथवा कम नंबर भेजने जैसी शिकायतें राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक पहुंची थी। सरकार ने बीते वर्ष प्रो. रंजन माहेश्वरी को कार्यवाहक प्राचार्य बनाया। वे बॉयज सहित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं।
बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में जून 2015 से स्थाई प्राचार्य नहीं है। इंजीनियरिंग कॉलेज में मनमाने ढंग से नियुक्तियां, सामग्री की खरीद-फरोख्त,आरटीयू की परीक्षाओं में बिना जांचे अथवा कम नंबर भेजने जैसी शिकायतें राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक पहुंची थी। सरकार ने बीते वर्ष प्रो. रंजन माहेश्वरी को कार्यवाहक प्राचार्य बनाया। वे बॉयज सहित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं।