फुल कमीशन की बैठक में आरएएस एवं अधीनस्थ भर्ती परीक्षा-2013 और 2016 पर विचार-विमर्श हुआ। खासतौर पर आरएएस-2016 मुख्य परीक्षा का मामला खास रहा। इस बारे में आयोग सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने का फैसला कर चुका है।
साल 2013 की आरएएस परीक्षा तो सर्वाधिक सिरदर्द रही थी। चार साल पहले पकड़े गए एक गिरोह ने इस परीक्षा का पर्चा लीक करने का खुलासा भी किया था। इस परीक्षा पर कई कोर्ट केस भी हुए थे।
अब महज 23 दिन शेष
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि फुल कमीशन की बैठक में आरएएस प्रारंभिक परीक्षा -2018 पर चर्चा नहीं हुई। परीक्षा आयोजन में अब महज 23 दिन बचे हैं। प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपाई, उनकी बाइंडिंग और परीक्षा केंद्रों तक उन्हें पहुंचाना मुश्किल है। मालूम हो कि पेपर प्रिंटिंग और अन्य कार्य बेहद गोपनीय होते हैं। स्थायी अथवा कार्यवाहक अध्यक्ष ही यह प्रक्रिया अंजाम देते रहे हैं।
परीक्षा होगी या नहीं! आयोग स्तर पर 5 अगस्त कोआरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 कराई जानी है। इसके लिए करीब 5.10 लाख आवेदन मिले हैं। परीक्षा के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर. एस. गर्ग के बाद आयोग में 2 मई से स्थायी अध्यक्ष नहीं है। सरकार ने न स्थायी अध्यक्ष न किसी सदस्य को कार्यवाहक प्रभार दिया है। ऐसे में आरएएस प्रारंभिक जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा कराना आसान नहीं है।
अन्य परीक्षाओं पर भी संकट आयोग को माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2017 का आयोजन 2 सितम्बर को होगा। इसके लिए 97हजार 596 आवेदन मिले हैं। उप निरीक्षक (पुलिस) प्रतियोगी परीक्षा-2016 का आयोजन 7 अक्टूबर को किया जाएगा। इसमें 4 लाख 66 हजार 282 अभ्यर्थी शामिल होंगे। इन परीक्षाओं पर भी आरएएस प्री परीक्षा-2018 की तरह संकट बना हुआ है।