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अजमेर

IAS: भविष्य दो साल तक रहे कमरे में, नतीजा आईएएस में 29 वीं रैंक

निजी कंपनी में 55 लाख का पैकेज मिल गया था लेकिन उन्हें अपना भविष्य सिविल सर्विस में नजर आया।

अजमेरMay 31, 2022 / 06:42 pm

raktim tiwari

IAS Bhavishya desai

IAS Bhavishya desai

रक्तिम तिवारी.

दो साल से लगातार तैयारी, बस अपना कमरा, कंप्यूटर पर ऑनलाइन मेटेरियल और हाथों में किताबें….यह बात सिर्फ आईएएस में 29 वीं रैंक पाने वाले भविष्य देसाई पर बिल्कुल फिट बैठती है। टेक्नोक्रेट भविष्य को निजी कंपनी में 55 लाख का पैकेज मिल गया था लेकिन उन्हें अपना भविष्य सिविल सर्विस में नजर आया। बस उसी धुन ने उन्हें कामयाबी तक पहुंचा दिया। पत्रिका ने मंगलवार को कायड़ रोड मोहिनी विहार स्थित घर पर भविष्य से बातचीत की।

सवाल-आप बी.टेक डिग्रीधारक हैं, कैसे सिविल सर्विस को चुना?

भविष्य-आईआईटी में दाखिले के साथ मैंने तय कर लिया कि सिविल सर्विस में जाना है, बस तभी से धीरे-धीरे तैयारी में जुट गया।

सवाल- आईएएस की तैयारी किस तरह की, कहीं कोचिंग लिया या सेल्फ स्टडी पर जोर दिया?

भविष्य-मैंने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की। सिर्फ ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल और रेफरेंस बुक्स से पढ़ाई की।

सवाल-क्या सिविल सर्विस के लि 8 से 12 घंटे पढ़ना पड़ता है?

भविष्य-नहीं ऐसा कुछ नहीं है। बस आप मेहनत करें, जो पढ़ें उस पर पूरा फोकस करें…यही सफलता का पैमाना है।

सवाल-क्या मोबाइल-टीवी से दूरी है सफलता का पैमाना है?भविष्य-नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप इन चीजों का इस्तेमाल करें लेकिन सीमा तय होनी चाहिए।

सवाल-क्या आपको 29 वीं रैंक की उम्मीद थी या कुछ बेहतर की…

भविष्य-मैने रैंक पर कभी ध्यान नहीं दिया। बस ध्येय यही रखा कि मुझे आईएएस परीक्षा क्लीयर करनी है।

सवाल-अपना निजी कंपनी का 55 लाख का पैकेज ठुकराया, अगर चयन नहीं होता तो कोई मलाल रहता?

भविष्य-जब आप जीवन में कोई लक्ष्य बनाते हैं तो उसके लिए परिश्रम और कड़े फैसले करने पड़ते हैं। मैंने पैकेज को लेकर कभी नहीं सोचा।

सवाल-आईएएस बनकर आपकी पहली तमन्ना क्या होगी?

भविष्य-मैंने भारतीय विदेश सेवा में जाना चाहता हूं। भारत की विदेश नीति पर कामकाज करने की इच्छा है।

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सवाल-आपकी प्रेरणा का स्त्रोत कौन हैं?

भविष्य-मेरे पिता गोपाराम और माता ललित देसाई के साथ-साथ गुरुजन मेरे प्रेरणा स्त्रोत हैं। उन्होंने मुझे सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

सवाल-युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे।
भविष्य-युवाओं को यही कहूंगा कि शुरुआत से कॅरिअर को लेकर संकल्प लें, ईमानदारी से मेहनत करें..इससे नाकामी कभी नहीं मिलती।

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