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अजमेर

‘सब कुछ खुला है तो पुष्कर मेले पर पाबंदी क्यों

संतों ने कहा : हर हाल में भरना चाहिए पुष्कर पशु मेला

अजमेरOct 04, 2021 / 02:25 am

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'सब कुछ खुला है तो पुष्कर मेले पर पाबंदी क्यों

‘सब कुछ खुला है तो पुष्कर मेले पर पाबंदी क्यों

पुष्कर. लगातार दूसरी बार पुष्कर पशु मेला निरस्त किए जाने से पशुपालकों के साथ संत, महंत, होटल मालिक, व्यापारी भी चिंतित हैं। उन्होंने सवाल किया कि बाजार, धार्मिक स्थल, स्कूल आदि खुल चुके हैं। रैलियां, चुनाव, परीक्षाएं, शिविर आदि हो रहे हैं तो फिर पुष्कर पशु मेला क्यों नहीं भरा जा सकता।
किसने क्या कहा

प्रदेश सरकार सनातन धर्म के साथ तुष्टिकरण रवैया अपना रही है। सनातन धर्म तीर्थ की आस्था व गौरव के प्रतीक पुष्कर के धार्मिक व पशु मेले पर रोक लगाना पूरी तरह से अनुचित है। पशु मेले के बहाने ग्रामीण पशु मेले में आकर पशुओ की खरीद फरोख्त करने के साथ साथ धार्मिक स्नान व मंदिर दर्शन भी करते हैं। मेला आयोजन होना ही चाहिए।
-संत जगवल्लभ राम, राम स्नेही संप्रदाय रामद्वारा पुष्कर
दो सालों से पुष्कर की पहचान संतों, महंतों के दर्शन नहीं हो रहे है। पशुपालक, पुरोहितों की रोजी रोटी बंद सी है। पुष्कर का धार्मिक मेला व पशु मेले की विश्व में अलग पहचान है। मेला बंद करने से विश्व पटल पर यह पहचान खत्म हो रही है। पर्यटन समाप्त होने के कगार पर है। इसलिए हर हाल में मेला लगना चाहिए।
– महंत, नंदशरण दास, रामसखा आश्रम पुष्कर
सभी आयोजन हो रहे हैं। सरकार को गाइड लाइन के साथ पुष्कर पशु मेले के आयोजन का कोई रास्ता निकालना चाहिए ताकि आर्थिक संकट से जूझ रहे पुरोहित, व्यापारी, होटल संचालक, ठेला व्यवसायी को रोजगार मिल सके।
– संत पाठक, चित्रकू ट धाम पुष्कर

पशुपालक, मणियारी विक्रेता, सर्कस वाले सहित गरीब तबका पुष्कर पशु मेले में वर्ष भर की आमद का विजन लेकर आशान्वित रहते हैं। पशु मेले पर रोक नहीं लगनी चाहिए।
– ईश्वर पाराशर, जमीन मालिक मेला मैदान पुष्कर
-पुष्कर पशु मेला राजस्थानी संस्कृति व ग्रामीण सभ्यता की पहचान है। रैतीले धोरों में पशुपालकों के रहन- सहन, राजस्थानी परिवेश का लुत्फ उठाने के लिए विदेशी पर्यटकों की आवक से रोजगार मिलता है। पूरा पुष्कर रंगबिरंगी छटा से निखर जाता है। पशु मेला निरस्त होने से यह सब एक सपना हो जाएगा, साथ ही मेले में कुछ कमाने की आश लगाए बैठे गरीबों, तीर्थपुरोहितों पर जबरदस्त आर्थिक संकट आ जाएगा।
– कमल पाठक, पालिकाध्यक्ष पुष्कर
मेला निरस्त करना सरकार का गलत निर्णय है। रैलियां, चुनाव, परीक्षाएं हो रही है, मंदिर खुले चुके हैं। पुष्कर पशु व धार्मिक मेले पर पाबंदी क्यों। दो साल से बेरोजगार हंै। मेले पर पाबंदी हटनी चाहिए।
– राजेन्द्र महावर, होटल मालिक पुष्कर

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