टीम के मैनेजर अजमेर के दिव्यांग क्रिकेटर दुर्गेश शर्मा कोलम्बो में हुए आखिरी मैच में श्रीलंका की टीम ने 19.4 ओवर में 123 रन बनाए जिसे भारतीय टीम ने 12.3 ओवर में ही पूरा कर लिया। टीम के दिल्ली पहुंचने पर केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद कलराज मिश्र ने टीम का अभिवादन किया। भारतीय दिव्यांग इससे पहले 2016 में बांग्लादेश और 2018 में श्रीलंका को उनकी धरती पर ही हराकर टूर्नामेन्ट जीत चुकी है। वहीं 2017 में रांची में नेपाल और कोलकाता में बांग्लादेश को मात दी थी।
किसी के हाथ किसी के पैर नहीं
दुर्गेश चयन समिति में हैं और टीम के प्रमुख रणनीतिकार भी। दुर्गेश बताते हैं टीम के सभी खिलाड़ी दिव्यांग है। लेकिन सभी खिलाड़ी पूरे जोश, उत्साह और तकनीक के साथ खेलते है। सामने वाली टीम के छक्के छुड़ा देते है।ं दुर्गेश ने बताया कि टीम में दो खिलाडिय़ों के हाथ नहीं हैं। एक खिलाड़ी के पंजा नहीं है। एक खिलाड़ी बैसाखी से चलता है। लेकिन फिर भी उम्दा क्रिकेट खेलते है।
खुद को जुटानी पड़ती हैं सुविधाएं भारत क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड भले विश्व का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड हो लेकिन दिव्यांग क्रिकेट में ऐसा नहीं है। प्रयोजकों की कमी के कारण यहां खिलाडिय़ों और टीम के अन्य सदस्यों कई सुविधाएं खुद ही जुटानी पड़ती है। दुर्गेश बताते हैं कि पहले तो अधिकतर खर्च हमें ही उठाना पड़ता था। लेकिन अब धीरे-धीरे दानदाताओं को और प्रयोजक बढऩे से खुद की ओर किए जाने वाले खर्च में धीरे-धीरे कमी आ रही है। वे जल्द ही अजमेर में भी टूर्नामेन्ट कराना चाहते है।