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अजमेर

कोरोना ने सताया,प्रवासी परिवारों को पैतृक गांव लौटाया

करौली जिले के सैंकड़ों लोग पहुंच रहे अपने-अपने घर, कोई लॉकडाउन के चलते अटका तो अधिकतर पहले ही आ गए,दिल्ली, कर्नाटक, यूपी व हरियाणा गए थे रोजीरोटी कमाने, कोटवास में 18, खोखलियान का पुरा में 6 तथा वैद्यवाड़ा में आए 5 लोग

अजमेरMar 26, 2020 / 12:35 am

suresh bharti

कोरोना ने सताया,प्रवासी परिवारों को पैतृक गांव लौटाया

कोरोना ने सताया,प्रवासी परिवारों को पैतृक गांव लौटाया

ajmer-hindon अजमेर/हिण्डौनसिटी.

कोरोना के भय ने करौली जिले के सैंकड़ों परिवारों को पैतृक घर पहुंचा दिया। ऐसे कई परिवार देश के महानगरों में रोजीरोटी कमाने गए थे। अब पूरे देश में लॉकडाउन है। इसके चलते फैक्ट्रियां, निर्माण कार्य,दुकानें तथा वाहन सहित सभी कार्य बंद हैं।
इनमें कार्य करने वाले करौली जिले के कई लोग घर लौट आए। हिण्डौन उपखंड क्षेत्र के भी कई श्रमिक अभी फंसे हुए हैं। ट्रेन के साथ अन्य वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। ऐसे में पैदल चलकर सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने को मजबूर हंै।
पड़ौसी राज्य दिल्ली, उत्तरप्रदेश व हरियाणा में पत्थर की कारीगरी करने गए कोटवास गांव के 18 श्रमिक मंगलवार रात पैदल घर लौटे तो परिजन ने चैन की सांस ली

सैकड़ों किमी पैदल चलकर पहुंचे
लॉक डाउन के चलते दिल्ली में मार्बल मिस्त्री का काम करने वाले संदीप कुमार अपने गांव के ही रहने वाले 13 अन्य साथियों के साथ जनता कफ्र्यू के दिन 22 मार्च को अपने गांव कोटवास के लिए निकले। इस बीच रास्ते में उन्हें पुलिस पूछताछ व रोकटोक के अलावा कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मंगलवार आधी रात को जब वे घर पहुंचे तो परिजन ने राहत की सांस ली। इसी प्रकार उलखनऊ में मजदूरी करने वाला राजसिंह अपने ही गांव के चार अन्य श्रमिकों के के साथ मंगलवार रात को पैदल चलकर घर लौटा। हरियाणा के गुडग़ांव में काम करने वाले विनोद व हेमसिंह व मथुरा मेें में रोजगार के लिए गए राकेश व जितेन्द्र भी बीती रात को ही पैदल घर लौटे। उनके मुताबिक रास्ते में निजी वाहन चालक दुगुना-तिगुना किराया वसूल रहे थे। जो भी होटल और रेस्टोरेंट खुले मिले, वहां भी खाद्य सामग्री व पानी की बोतलों के निर्धारित से कहीं अधिक दाम वसूले जा रहे थे।
जो रुपए मिले वह हो गए खर्च

ठेकेदारों ने जो रुपए दिए थे। वह घर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गए। ऐसे में रास्ता तो भूखे-प्यासे रह कर पूरा करना पड़ा। इधर नगर परिषद क्षेत्र के खोखलियान का पुरा निवासी छह लोग मंगलवार रात को दिल्ली और गुडग़ांव से पैदल घर लौटे। दिल्ली में भवन निर्माण श्रमिक का काम करने वाला जलसिंह अपने दो अन्य साथियों समेत घर लौटा है।
वहीं हरियाणा के गुडगांव की एक फैक्ट्री में काम करने वाले द्वारका व वीरसिंह बुधवार सुबह हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर घर पहुंचे। देर शाम वर्धमान नगर निवासी दो जने भी महाराष्ट्र से निजी वाहन से घर लौट आए।
नहीं हुई स्क्रीनिंग

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए विदेश व बाहरी राज्यों से लौट रहे लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है,लेकिन कोटवास, खोखलियान का पुरा व वैद्यवाड़ा में कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा व उत्तरप्रदेश से लौटे कामगारों की जानकारी प्रशासन को नहीं मिलने के कारण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उनकी स्क्रीनिंग नहीं कर पाया है। ऐसे में पास पड़ोस के लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर भय व्याप्त है।
होम आइसोलेशन में 100 से ज्यादा लोग

तहसील में स्थापित नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक हिण्डौन शहर की विभिन्न कॉलोनी व आसपास के गावों में राजस्थान के बाहरी राज्य हरियाणा, दिल्ली, चेन्नई, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक से 101 लोग वापस घर लौट कर आए है। इनको होम आइसोलेशन में रखा गया है। कंट्रोल रूम के अनुसार बुधवार को दूसरे राज्यों से लौटकर आए 30 जनों को 14 दिन के होम आइसोलेनशन में डाला गया है।
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