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अजमेर

यहां एक मोहल्ले में रहते रावण और भगवान राम, हनुमानजी करते हैं ये काम

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अजमेरOct 20, 2018 / 04:21 pm

raktim tiwari

special ramayna play in ajmer

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अजमेर.

घोड़े पर सवार रावण हिलता-डुलता नीचे उतरा। मूर्छित लक्ष्मण अचानक नीचे गिरे तो हनुमानजी उन्हें गोद में उठा नहीं सके। बाद में कार्यकर्ता और हनुमान लक्ष्मण को उठाकर ले गए। कुछ ऐसे ही दृश्यों के बीच अशोक नगर भट्टा में बाल रामायण मंडल के तत्वावधान में पारम्परिक रामायण मंचन-रावण दहन कार्यक्रम हुआ। रोचक संवाद और हास्यपूर्ण रामायण देखकर लोगों ने ठहाके लगाए।
सबसे पहले बैंड-बाजे के साथ वानर सेना और अन्य कलाकार लोडिंग टैम्पो में चौराहे पर पहुंचे। भगवान राम को पैदल जाना पड़ा। काली मैया की सवारी भी निकाली गई।

घोड़े पर सवार रावण मूंछों पर हाथ फेरता हुआ नीचे उतरा। वह शान से तख्त पर जाकर बैठ गया। अजमेर की यह रामलीला राजस्थान सहित देशभर में मशहूर है। इसको देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ता है।
हनुमान ले आए पत्तियों का गुलदस्ता

रामलीला मंचन में हंसी के फव्वारे छूटे। हनुमानजी संजीवनी की जगह पेड़ों की डालियों-पत्तियों से निर्मित गुलदस्ता लाए। युद्ध के दौरान लक्ष्मण जमीन पर गिरे तो हनुमानजी नहीं संभाल पाए। एक कार्यकर्ता को मदद के लिए दौडऩा पड़ा। बाली-सुग्रीव के युद्ध के दौरान भी यही नजारा दिखा। कुंभकर्ण को भी नींद से जगाने के लिए दो-तीन मटके फोडऩे पड़े। यह नजारे देखकर भरपूर तालियां बजी।
रावण का गिरा मुकुट
राम-रावण के प्रतीकात्मक युद्ध के दौरान रावण का मुकुट नीचे गिर पड़ा। सीता और वानर एक साथ बैठे दिखे। यह देखकर राम बने पात्र ने कहा अरे सीता तू उधर जाकर बैठ…, वानरों तुम जल्दी यहां बैठो। लोगों के बार-बार सामने आने पर भगवान राम, रावण और अन्य कलाकार कुछ तनाव में भी दिखे। वे बारबार कार्यकर्ताओं को लोगों को हटाने की बात कहते रहे। कुछ पात्रों को मोबाइल पर बातें करते देखकर लोगों ने ठहाके लगाए।
रोचक कॉमेन्ट्री पर ठहाके

धर्मेन्द्र खटूमरा और अन्य ने चिर-परिचत अंदाज में प्रसंगों का वर्णन किया। खटूमरा ने भाईयों में बता दूं…दशरथ के तीन रानियां थी…, जाओ सुपर्णखा कटी नाक का आयुर्वेद इलाज कराओ.., काले-काले मरते जाओ..राम की जय लगाते जाओ..संवाद बोले तो लोग लोट-पोट हो गए। कन्हैयालाल और अन्य ने भी कई प्रसंग सुनाए। रामायण मंचन-रावण दहन के दौरान छोटी सी नगरियां…, तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार…, रामचंद्र कह गए सिया से.. गीत गूंजते रहे।
इनका रहा योगदान…
राहुल खटूमरा, जुग्नू, दुष्यन्त, नवनीत कालेडा, संजय, सतीश, गजवीर, राहुल, शशांक, बाल रामायण मंडल अध्यक्ष विकास बुंदेल और अन्य ने खास योगदान दिया। कांग्रेस नेता हेमंत भाटी, पार्षद चंचल बैरवाल, चंदन सिंह, रेखा पिंगोलिया, कीर्ति हाड़ा आदि मौजूद रहे।
उमड़ा लोगों का सैलाब

अशोक नगर भट्टा-मेयो लिंक रोड पर लोगों का सैलाब उमड़ा। घरों की छतों, सडक़ और चबूतरों पर महिलाएं, बच्चे, युवक-पुरुष बैठे रहे। इस साल यज्ञ करते रावण का पुतला बनाया गया। बाद में इसका विधिवत दहन किया गया।

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