स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें युवक की आत्महत्या की सूचना पुष्कर से 8 किलोमीटर दूर गांव नांद के सरपंच के माध्यम से मिली। गांव पहुंचने पर देखा कि गांव के बाहर बनी झोपड़ी में छोगा लाल का पुत्र रामपाल (35) घायल अवस्था में जमीन पर पड़ा हुआ था। उसके पैरों के पास बंदूक रखी हुई थी। इस पर पुलिस ने घायल को सरकारी अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी गंभीर हालत के चलते चिकित्सकों ने उसे अजमेर के जेएलएन अस्पताल रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
ऐसे में मृतक रामपाल यह बंदूक कहां से लाया और उसे यह बंदूक किसने उपलब्ध कराई? इस मामले में आत्महत्या के क्या कारण थे? पुलिस फिलहाल इस संबंध में जांच कर रही है।
घटना के बाद मृतक के परिजन सदमे में हैं। परिजनों ने बताया कि किन कारणों के चलते उसने ऐसा कदम उठाया, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसा कभी नहीं लगा कि रामपाल ऐसा कोई कदम उठा सकता है। परिजनों ने बताया कि मृतक रामपाल के तीन बच्चे हैं। उनकी शादी 2018 में हुई थी। घर पर उनकी पत्नी और तीन बेटियां थीं। युवक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। वह होली पर अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने आए थे।