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देश तो हो गया 1947 को आजाद, अजमेर का शहीद स्मारक अब तक इनका गुलाम

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अजमेरAug 14, 2018 / 06:23 am

raktim tiwari

martyrs memorial

martyrs memorial

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शहीदों की यादगार रेलवे स्टेशन के सामने स्थित शहीद स्मारक अतिक्रमण से घिरा हुआ है। खुद अपने आसपास के अतिक्रमण से आजादी को की गुहार लगा रहा है ताकि लोगों को यह नजर आ सके। स्मारक के गेट के ठीक सामने गाडिय़ां खड़ी रहती है। इससे स्मारक का गेट ही नहीं दिखता है। वहीं इसके एक तरफ सिटी बसे व टैम्पो खड़े रहने का कारण यह दिखता नहीं है।
क्लॉक टावर के सामने स्थित शहीद स्मारक के मुख्यद्वार के ठीक सामने व्यापारियों और मदार गेट की ओर खरीदारी करने जाने वालों के चौपहिया वाहन खड़े रहे है। इससे इन्हीं आड़ में लोग दोपहिया वाहन भी खड़ करके चले जाते है।
इससे स्थिति और विकट को जाती ही। स्मारक के गेट के एक ओर एक चाय का ठेला लगा रहता है। दूसरी ओर फलों का ठेला लगा रहता है। बची कुची जगह लोग दोपहिया वाहन पार्क करके घेर लेते है। इसके चलते स्मारक तक जाना आसान नहीं है।
खड़ी रहती है सिटी बसें व टैम्पो
शहीद स्मारक के एक ओर मुख्य मार्ग पर दिन भर सिटी बसों और टैम्पों की आवाजाही लगी रहती है। यह स्मारक के ठीक सामने से सवारियों को बैठाते है। यहीं आकर उतारते भी है। हालांकि पास में ही क्लॉक टावर थाना है। ट्रैफिक पुलिस भी खड़ी रहती है।
स्मारक की दीवार से सट कर एक गन्ने के रस की मशीन भी लगी हुई है। इसके चलते किसी को स्मारक नजर ही नहीं आता है। वहीं दुकानदारों ने अपनी दुकानों के बिजली के मीटर भी शहीद स्मारक की दीवार लगा लिए है।
किया था जीर्णोद्धार
पहले शहीद स्मारक में नशेडिय़ों का जमावड़ा रहता था। बाद में नगर निगम की पहल पर स्मारक पर फव्वारे लगाए गए। नई तरह की लाइटें लगाई गई। स्मारक के अन्दर ही एक ओर तस्वीरें लगाई गई थी, ताकि लोग यहां आकर इसे देख सके। कुछ रोचक जानकारियां मिल कर सके। लेकिन अतिक्रमण और बेतरीब पार्र्किंग के चलते लोग प्रवेश ही नहीं कर पाते है।

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