दिल्ली के तीनों नगर निगमों के कर्मचारियों द्वारा वेतन एवं अन्य बकाया नहीं मिलने के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को सातवें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों के कई चौराहों पर प्रदर्शन करने से यातायात जाम हो गया। निगमों के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई ठप रही और अस्पतालों में मरीजों को कठिनाइयां का सामना करना पड़ा।
एलजी से मिले बीजेपी नेता
हजारों हड़ताली कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय सिविक सेन्ट्रल से राजघाट तक मार्च किया। प्रदर्शनकारी हाथों में अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी कर रहे थे। उधर निगमों पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की अगुवाई में उपराज्यपाल नजीब जंग से राजनिवास में मुलाकात कर दिल्ली सरकार से तुरन्त पैसा दिलाने की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया।
यातायात बुरी तरह प्रभावित
कर्मचारियों के प्रदर्शन की वजह से बाहरी रिंगरोड, आईटीओ गाजीपुर, जहांगीरपुरी, त्रिलोकपुरी, शादीपुर और नजफगढ़ में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। सफाई कर्मचारियों ने कई स्थानों पर सड़कों पर कूड़ा डालकर अपना विरोध जताया। हड़ताल की वजह से सफाई, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं।
दिल्ली सरकार पर राजनीति करने का आरोप
उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार राजनीति कर ले लेकिन उसे मानवता को ध्यान में रखकर और कर्मचारियों की दिक्कतों को देखते हुए तुरंत फंड जारी करना चाहिए जिससे की वेतन और अन्य बकाया का भुगतान किया जा सके।
हड़ताली कर्मचारियों ने पीएम और सीएम के पुतले फूंके
जहांगीरपुरी में स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में बड़ी संख्या में हड़ताली कर्मचारियों ने एकत्रित होकर जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन तक पैदल मार्च किया और प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पुतले भी जलाए। त्रिलोकपुरी में विधायक राजू धींगान का पुतला दहन किया गया। पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मुख्यालय पर एकत्र हड़ताली कर्मचारियों ने हाथों में कटोरा लेकर भीख मांगने का कार्यक्रम किया। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली निगम के मुख्यालय सिविक सेन्टर पर भी हड़ताली कर्मचारियों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और डीडीए से मांगा जवाब
फंड के मामले को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में दिल्ली सरकार ने निगमों को पूरा पैसा देने की बात कही है। एमसीडी का कहना है कि सरकार को बकाया नहीं मिलने से दिक्कतें आ रही हैं। एमसीडी ने कहा है कि कर्मचारियों को दिसंबर तक वेतन दे दिया है। उच्च न्यायालय ने इस मसले पर केन्द्र सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा है।
स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने सोमवार को उपराज्यपाल से प्राधिकरण पर निगमों का बकाया दिलवाने में हस्तक्षेप का आग्रह किया था। हड़ताल में डाक्टरों के शामिल हो जाने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। निगमों के सात अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। उत्तरी निगम और पूर्वी निगम के क्षेत्रों के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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