जांच कमेटी ने बीकानेर की महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी को पत्र भेजकर लखनऊ की फर्म की जानकारी देने को कहा था। लेकिन यूनिवर्सिटी ने चार दिन बिता दिए। यह पत्र शुक्रवार को विश्वविद्यालय भेजा गया। अब भरवाएंगे फार्मकुलसचिव भागीरथ सोनी ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा फार्म अगले सप्ताह से भरवाए जाएंगे। इसका विधिवत कार्यक्रम सोमवार को जारी किया जाएगा। मालूम हो कि विवि सहित सम्बद्ध कॉलेज में 3.50 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें नागौर, टोंक, भीलवाड़ा और अजमेर के विद्यार्थी शामिल हैं।
परीक्षा फार्म भरवाने के मामले में राज्य में मदस विश्वविद्यालय सबसे पीछे है। राज्य के अन्य विश्वविद्यालय कामकाज खत्म कर चुके हैं। कई विवि में प्रक्रिया अंतिम दौर में है। अफसरों के हर साल निविदा शर्तें बनाने, निविदा आमंत्रण और तकनीकी फर्मों के निर्धारण में देरी का खामियाजा भुगतना पड़ता है। विवि अफसर अपनी पसंदीदा फर्मों को ही टेंडर देने के पक्षधर रहते हैं।
पिछले साल घूसकांड में फंसे रामपाल सिंह (निलंबित कुलपति) का खेल भी कॉलेज को सम्बद्धता, मनमाने ढंग से परीक्षा केंद्र बनाने और चहेती फर्म को कामकाज सौंपने के इर्द-गिर्द घूमा था। रामपाल ने बरेली की फर्म को नियमों को ताक में रखकर कामकाज सौंप दिया था।