परीक्षा के लिए कॉलेज के स्टाफ ने नियमानुसार दोपहर में लिफाफा खोला। इसके अंदर बी.कॉम ऑनर्स पार्ट तृतीय का एडवांस कॉस्टिंग का पेपर निकला। जबकि इस विषय का पेपर विश्वविद्यालय 18 मार्च को करा चुका था। स्टाफ ने तत्काल प्राचार्य को इसकी सूचना दी। प्राचार्य ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से संपर्क किया। परस्पर बातचीत और नया पेपर मंगवाने में करीब एक घंटा लग गया।
कॉलेज की सूचना पर विश्वविद्यालय ने इनकम टैक्स लॉ एन्ड प्रेक्टिस का नया पेपर भेजा। इसके चलते विद्यार्थियों की परीक्षा 4 बजे शुरू हो सकी। बाद में यह परीक्षा शाम तक चली। विश्वविद्यालय की गलती होने से विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए अतिरिक्त समय देना पड़ा।
-2000-01 में एक छात्रा की कॉपी में अंदर चिपके मिले थे दूसरे पेज
-2005-06 में दैनिक वेतनभागी कार्मिकों ने लिफाफे खोलकर चुराए थे दो पेपर
-2009-10 में पाली जिले में बस से गिर गया था कॉपियों का बंडल
-2014-15 में नहीं मिल पाए थे एक विषय के पेपर बंडल
-पेपरों में स्कीम और आउट ऑफ कोर्स संबंधित प्रश्नों की हर साल शिकायत
लिफाफे से बी.कॉम ऑनर्स पार्ट तृतीय का एडवांस कॉस्टिंग का पेपर निकला था। हमारी सूचना पर विश्वविद्यालय ने नया पेपर भेजा, इसके बाद ही परीक्षा कराई गई।
डॉ.एम.एल.अग्रवाल, प्राचार्य एसपीसी-जीसीए लिफाफे से पुराना पेपर निकलने की सूचना मिली थी। तत्काल नया पेपर उपलब्ध कराया गया। वैसे भी प्रश्न पत्र मुद्रणालय ही सीलबंद गोपनीय लिफाफे में भेजता है।
प्रो. सुब्रतो दत्ता, परीक्षा नियंत्रक एमडीएस विश्वविद्यालय