scriptबिना काम के ही ठेकेदार को कर दिया करोड़ों का भुगतान | Millions paid to the contractor without work | Patrika News
अजमेर

बिना काम के ही ठेकेदार को कर दिया करोड़ों का भुगतान

-अमृत योजना के तहत सीवर लाइन डालने का मामला
– 82.72 करोड़ के काम में सामने आई 8 करोड़ की गड़बड़ी
(29 जुलाई…अफसर अंजान अभियंताओं ने दे दी मोहलत, 30 जुलाई बिना सर्वे व ड्राइंग डाल दी लाइनें, 6 अगस्त…बिना ट्रीट किए ही जहरीला पानी डाला जा रहा खानपुरा तालाब)

अजमेरSep 15, 2020 / 11:56 pm

bhupendra singh

Sewerage system fails, dirty water flows on roads

Sewerage system fails, dirty water flows on roads

अजमेर. अमृत योजना amurt के तहत शहर में 82.72 करोड़ के सीवरेज कार्य में घोटाला सामने आया है। योजना में जो काम होने थे, वह हुए ही नहीं और ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया गया। करीब 8 करोड़ रुपए का भुगतान ठेकेदारों को बिना काम के किया गया है। संभागीय आयुक्त ने मामले की जांच करवाई तो इसका खुलासा हुआ।
जांच में सामने आया है कि शहर में 17 हजार सीवर चैम्बर नहीं बने, दरगाह क्षेत्र में सीवर लाइन नहीं डाली गई, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को नई टेक्टनोलॉजी से अपग्रेड नहीं किया। इसके बावजूद अधिकारियों ने आंख बंद कर ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया। खास बात यह है कि भुगतान के लिए सक्षम नहीं होने के बाजवूद सरकार की शक्तियों से परे जा कर ठेकेदार को करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार खबर प्रकाशित कर इस मुद्दे को उठाया। मामला सामने आने पर संभागीय आयुक्त आरूषी मलिक ने मामले की जांच करवाई। पत्रिका की खबरों में जिन बिन्दुओं को उठाया गया, जांच रिपोर्ट में उन्हें सही माना गया।
कार्रवाई की अनुशंषा

संभागीय आयुक्त मामले को गंभीर मानते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंषा की है। साथ ही उन्होंने ठेकेदार का भुगतान रोकने के भी निर्देश दिए हैं।
ठेकेदार को यूं पहुंचाया गया फायदा
इस प्रोजेक्ट के तहत 4.97 किमी सीवर लाइन दरगाह क्षेत्र में डाली जानी थी, लेकिन केवल 80 मीटर सीवर लाइन ही दरगाह क्षेत्र में डाली गई। दरगाह क्षेत्र में सीवर लाइन डालने के बजाय अन्य क्षेत्रों में सीवर लाइन डाल दी गई। दरगाह क्षेत्र में कार्य करवाने में चट्टाने (हार्डरॉक) काटकर लाइन डालने में और मलबे को बाहर फेंकने में ठेकेदार को लाखों रुपए खर्च करने पड़ते। इसका तोड़ अभियंताओं ने खुद ही निकालते हुए सीवर लाइन डालने का एरिया ही बदल दिया। जांच अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का निष्कर्ष निकाला है।
नियम कायदे ताक पर रख करवाया काम
टेंडर जारी करने से पूर्व कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर व फिजिबिल्टी रिपोर्ट) तैयार की जाती है। इसके आधार पर ही काम होता है। लेकिन इस मामले में अभिंयताओं ने निविदा की शर्तों के विपरीत कार्य का स्थान ही बदल दिया और करोड़ों की चपत लगा दी। इस योजना के तहत ९ हजार ४२० हाउस सीवर कनेक्शन का कार्य लिया गया था लेकिन ७ हजार ४०० कनेक्शन ही किए गए। ठेकेदार को घर के अंदर बाहर प्रॉपर्टी चैम्बर तक किया जाना था लेकिन कनेक्शन बाहर से किया गया है। दरगाह क्षेत्र में तो सीवर लाइन ही नहीं डाली गई। जबकि अमृत योजना में फॉयसागर क्षेत्र, दरगाह क्षेत्र, कल्याणीपुरा व वर्षा पैलेस में कुल ४७ किमी लाइन डालनी थी, लेकिन ठेकेदार ने फॉयसागर क्षेत्र व कल्याणीपुरा में ही ४७ किमी सीवरेज का कार्य किया गया है।
कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन

अधिवक्ता राजेश टंडन ने उक्त मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था। जांच रिपोर्ट में घोटाला सामने आ चुका है। ठेकेदार को किए गए अधिक भुगतान की राशि की दोषी अधिकारियों की तनख्वाह में से वसूली जानी चाहिए। साथ ही मामला एसीबी में दर्ज कराया जाए। नहीं तो वे खुद इस मामले को लेकर इस्तगासा दायर करेंगे।
इनका कहना है

यह प्रकरण सरकार को भेजा गया है। वहां से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। कहीं भी कोई अनियमितता है तो उस पर कार्रवाई होगी। ठेकेदार को अंतिम भुगतान अभी नहीं किया गया है।
डॉ.खुशाल यादव,कमिश्नर,नगर निगम

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