जेएलएन अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड दो-दो शिशु रोगियों के एक साथ भर्ती करने से कभी भी संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसकी वजह यह है कि दोनों शिशु को अलग-अलग रोग है, ऐसे में एक दूसरे को संबंधित रोग होने का खतरा बना हुआ है। दूसरी ओर से इन नवजात शिशु के साथ उनकी मां भी इसी बैड पर दिन-रात कभी बैठी रहती हैं तो कभी उनके साथ लेटी रहती हैं। इन माताओं का भी वार्ड से कई बार बाहर आना जाना लगा रहता है। ऐसे में संक्रमण से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
चिल्ड्रन वार्ड के बाहर चूहों का आतंक
चिल्ड्रन वार्ड की आपातकालीन इकाई के सामने वाले वार्ड के बाहर निकलते ही गलियारे में चूहों का आतंक है। शिशु रोगियों के परिजन व महिलाओं की ओर से अपना सामान रखते ही चूहे उन्हें कुतरना शुरू कर देते हैं। लोगों की ओर से यहां खाने पीने की जूठन आदि डालने से बड़े-बड़े चूहे दिन में भी बेखौफ थैली/ थैले में रखा सामान चट कर रहे हैं। इन चूहों के आतंक से निपटने की व्यवस्था नहीं की गई तो ये चूहे वार्ड में प्रवेश कर सकते हैं। रात्रि में इन चूहों का भी भय बना रहता है।
एक बैड पर एक शिशु की हो व्यवस्था
अस्पताल प्रशासन को एक बैड पर एक ही शिशु को भर्ती करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। दीपावली त्योहार की वजह से वार्ड में भर्ती बच्चों की संख्या कम होने के बावजूद शनिवार को कुछ बैड पर दो-दो बच्चे लेटे हुए मिले।