जिले में प्रतिबंधित चंबल बजरी के परिवहन को रोकने के लिए दो साल पहले जिला प्रशासन ने संयुक्त विभागीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस फोर्स में जिले के वन विभाग, राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, खनन विभाग व पुलिस के अधिकारियों व कार्मिकों का संयुक्त दल का गठन किया गया है। बजरी परिवहन को रोकने के लिए जिले की संयुक्त टास्क फोर्स जिले में हवा में तीन चला रही है। अभी तक बजरी परिवहन रोकने कोई रणनीति नहीं होने के कारण मनमानी तरीके से कार्रवाईयां की जा रही है।
राजस्थान-मध्य प्रदेश की सीमा पर कोतवाली थाने की सागरपाड़ा पुलिस चौकी पर जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त विभागीय टॉस्क फोर्स टीम को बैठाया गया है। यहां शुक्रवार को दिनभर प्रतिबंधित चंबल बजरी से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉलियों के निकलने का सिलसिला बना रहा। टास्क फोर्स केवल मूक दर्शक बनी सब कुछ देखती नजर आई, किसी भी बजरी के वाहन को रोकने की जिले के पांच विभागों की टीम में किसी ने भी हिम्मत नहीं जुटाई। प्रशासन की व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
गत ३ जनवरी को कोतवाली थाने की हाउसिंग बोर्ड अवैध चंबल बजरी से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉली ने बाइक सवार एक युवक व महिला को टक्कर मार दी थी। घटना में बाइक सवार दोनों जनों की मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद यहां पुलिस ने बजरी के वाहनों को रोकने के लिए कड़े बंदोबस्त भी किए लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से प्रतिबंधित बजरी के वाहनों का परिवहन शुरू हो गया है। यहां शुक्रवार सुबह बजरी से भरे दर्जनों ट्रेक्टर-ट्रॉलियां निकलती नजर आई।
शहर के निहालगंज थाने की ओडेला पुलिस चौकी पर बजरी से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉलियों का शुक्रवार को दिनभर तांता लगा रहा। यहां चौकी पर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी भी रही, लेकिन इन वाहनों को रोकने वाला कोई नजर नहीं आया।
बेरोकटोक चल रहे बजरी के वाहनों को लेकर शहरवासियों में डर का माहौल है। बजरी के वाहनों के अनियंत्रित रफ्तार पहले भी कई लोगों जान ले चुका है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इन वाहनों की रफ्तार पर लगाम को कोई सख्त प्रयास करता नजर नहीं आ रहा। शहर के आम रास्तों हर समय दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।
राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर