अजमेर में शास्त्रीय संगीत के वटवृक्ष में संगीत की विधाओं में पारंगत हो रही है नई पीढ़ी। शास्त्रीय संगीत के प्रति कुछ वर्षों में क्रेज बढ़ा है। अजमेर के जाने माने शास्त्रीय संगीतज्ञ आनन्द वैद्य के अनुसार कई टीवी शो एवं संगीत को बढ़ावा देने जैसे कार्यक्रमों के बाद गायकी में शौक रखने वाले बच्चे एवं युवाओं में सीखने की ललक बढ़ी है। शास्त्रीय.संगीतज्ञ वैद्य का मानना है कि शास्त्रीय संगीत शास्त्रों से निकला संगीत है, जो शास्त्र के मर्म को समझ पाते हैं वे ही शास्त्रीय गायन में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि शास्त्रीय गायन के प्रति लगाव का जुनून यह है कि वर्तमान में करीब 100 बच्चे व युवा सीख रहे हैं, रियाज कर रहे हैं।
कई पारंगत आज फिल्म इंडस्ट्री में बना रहे हैं पहुंच आनन्द वैद्य के अनुसार राहुल भट्ट, राहुल भाट, प्रकर्ष गुंजल उनके शिष्य रहे हैं और वे माया नगरी में फिल्म इंडस्ट्री में शास्त्रीय संगीत का जादू बिखेरने के साथ अपनी कला का हुनर दिखा रहे हैं। मधुरा वैद्य हाल ही कुंभ (इलाहबाद) में राजस्थान से प्रतिनिधित्व करके पहुंची और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी। मधुरा को सीसीआरटी की ओर से प्रतिवर्ष स्कॉलरशिप भी मिल रही है। वहीं हंसिका पारीक, कौस्तुबमणि पुष्पकुंज, आयुष भार्गव, हर्ष शर्मा भी शास्त्रीय संगीत के मंझे हुए कलाकार हैं।
विशाल माथुर ने मनवाया अपनी आवाज का जादू शास्त्रीय संगीतज्ञ आनन्द वैद्य के शिष्य विशाल माथुर भी अच्छे कलाकार हैं। विशाल गाने के साथ गिटार एवं हारमोनियम भी बजाते हैं। शास्त्रीय संगीत में करियर चुनने के लिए विशाल ने नेच्युरोपैथी का कोर्स छोड़ दिया और वे फिलहाल राजकीय सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय से बेचलर सोशल वर्क (बीएसडब्ल्यू) की डिग्री कर रहे हैं। विशाल को पंडित विश्वमोहन शर्मा ने सुर नूर अवार्ड से पुरस्कृत किया। संगीत कला केन्द्र आगरा में ‘निनाद Ó अवाडऱ् भी जीता। वहीं इन्टर कॉलेज, नेशनल यूथ कॉन्फ्रेंस में युगान्तर आदि पुरस्कार जीते।