प्रो. विजय श्रीमाली का बीती 21 जुलाई को निधन हुआ था। उनके बाद विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति नहीं है। राजभवन ने पिछले दिनों प्रो. कैलाश सोडाणी को अतिरिक्त जिम्मेदारी है। वे मौजूदा वक्त बांसवाड़ा के गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। प्रो.सोडाणी पर नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया को अंजाम देने की अहम जिम्मेदारी होगी।
यूं बनेगी सर्च कमेटी
नियमानुसार स्थाई कुलपति की तलाश के लिए सर्च कमेटी का गठन किया होना है। इसमें यूजीसी, राजभवन और विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य को शामिल किया जाता है। विश्वविद्यालय का सदस्य मनोनीत करने के लिए प्रो. सोडाणी को तत्काल प्रबंध मंडल की बैठक करानी होगी। यह नाम तय होने पर कमेटी में अन्य सदस्यों की नियुक्ति होगी।
नियमानुसार स्थाई कुलपति की तलाश के लिए सर्च कमेटी का गठन किया होना है। इसमें यूजीसी, राजभवन और विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य को शामिल किया जाता है। विश्वविद्यालय का सदस्य मनोनीत करने के लिए प्रो. सोडाणी को तत्काल प्रबंध मंडल की बैठक करानी होगी। यह नाम तय होने पर कमेटी में अन्य सदस्यों की नियुक्ति होगी।
विश्वविद्यालय मांगेगा आवेदन यूजीसी के नियमानुसार स्थाई कुलपति के कार्यकाल समाप्ति से करीब एक माह पूर्व कुलपति पद के लिए आवेदन जारी होता है। लेकिन प्रो. श्रीमाली के निधन के बाद परिस्थितियां बदली हुई है। ऐसे में तत्काल सर्च कमेटी के गठन के बाद विश्वविद्यालय को कुलपति पद के लिए आवेदन मांगने होंगे।
यह होती है चयन प्रक्रिया देश के विभिन्न शिक्षाविदें (प्रोफेसर) से आवेदन लेने के बाद कुलपति सर्च कमेटी योग्यतम की छंटनी करेगी। इनमें तीन या पांच नाम राज्य सरकार और राज्यपाल को भेजे जाएंगे। दोनों की सहमति पर स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाती है। लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं होती है।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के मामले में तो लगातार 31 साल से ऐसा ही हुआ है। यहां स्थाई कुलपति का कार्यकाल समाप्त या निधन होने की स्थिति में कार्यवाहक कुलपति नियुक्ति होते रहे हैं। नए कुलपति के चयन और नियुक्ति में सरकार और राजभवन स्तर पर आठ से नौ महीने लगाए जाते हैं।
मिलेंगे डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन पॉलीटेक्निक कॉलेज में द्वितीय वर्ष डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में केंद्रीय पाŸव प्रवेश प्रक्रिया के तहत रिक्त सीट पर प्रवेश शुरू हो गए हैं। सत्र 2018-19 में विद्यार्थी रिक्त सीट पर दाखिलों के लिए 18 अगस्त तक फार्म जमा करा सकेंगे।
प्राचार्य और संयोजक ने बताया कि सत्र 2018-19 में द्वितीय वर्ष डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में केंद्रीय पाŸव प्रवेश प्रक्रिया के बाद सीट रिक्त रही हैं। इसमें राज्य के सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज शामिल हैं। विद्यार्थी विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही वांछित सूचनाएं भरकर एवं तीन सौ रुपए नकद फीस के साथ 18 अगस्त तक जमा करा सकेंगे। विद्यार्थियों को प्रवेश 21 अगस्त को सुबह 11 बजे से दिए जाएंगे।
प्राचार्य और संयोजक ने बताया कि सत्र 2018-19 में द्वितीय वर्ष डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में केंद्रीय पाŸव प्रवेश प्रक्रिया के बाद सीट रिक्त रही हैं। इसमें राज्य के सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज शामिल हैं। विद्यार्थी विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही वांछित सूचनाएं भरकर एवं तीन सौ रुपए नकद फीस के साथ 18 अगस्त तक जमा करा सकेंगे। विद्यार्थियों को प्रवेश 21 अगस्त को सुबह 11 बजे से दिए जाएंगे।