कौशल शिक्षा परीक्षा फरवरी में
बोर्ड फरवरी में कौशल शिक्षा (व्यावसायिक) परीक्षा फरवरी में होगी। बारहवीं में 15 और दसवीं में 10 कौशल शिक्षा विषय शामिल किए गए हैं। होंगे विद्यार्थियों के पंजीयन 2020 में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देने वाले नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों के पंजीयन जल्द शुरू होंगे। इसके तहत नाम, माता-पिता, जन्म तिथि, स्कूल, विषय और अन्य सूचनाएं शामिल होती हैं। बोर्ड अधिकृत रूप से पंजीयन तिथियों को जारी करेगा।
बोर्ड फरवरी में कौशल शिक्षा (व्यावसायिक) परीक्षा फरवरी में होगी। बारहवीं में 15 और दसवीं में 10 कौशल शिक्षा विषय शामिल किए गए हैं। होंगे विद्यार्थियों के पंजीयन 2020 में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देने वाले नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों के पंजीयन जल्द शुरू होंगे। इसके तहत नाम, माता-पिता, जन्म तिथि, स्कूल, विषय और अन्य सूचनाएं शामिल होती हैं। बोर्ड अधिकृत रूप से पंजीयन तिथियों को जारी करेगा।
रखना पड़ेगा तिथियों का ख्याल अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे। इसके चलते बोर्ड को टाइम टेबल में तिथियों का ध्यान रखना होगा। बोर्ड पिछले 71 साल से 1 या 2 मार्च से दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं शुरू करता रहा है। अगले साल मार्च-अप्रेल के पहले पखवाड़े तक परीक्षाएं करानी होगी। ताकि चुनाव के चलते कोई दिक्कत नहीं हो। मालूम हो कि बारहवीं की परीक्षाएं एक से डेढ़ महीने तक चलती हैं। इसके चलते परिणाम मई के अंत या जून तक निकलते हैं।
लगातार सातवें साल हुई कम बरसात… लगातार सातवें साल जिले में पर्याप्त बरसात नहीं हो पाई है। मानसून के दौरान औसत बरसात का आंकड़ा पूरा नहीं हो पाया। अब जिले में पेयजल संकट बढऩा तय है। वर्ष 2019 में गर्मियों में तो स्थिति ज्यादा बिगडऩे की उम्मीद है।
इस बार जून के अंत में ही बरसात की शुरुआत हो गई, पर मानसून जुलाई के दूसरे सप्ताह से सक्रिय हुआ। जिले में 1 जून से 25 जुलाई तक 203.82 मिलीमीटर बारिश ही सकी। बाद में जगह झमाझम तो कहीं बौछारों का दौर चला। सिंचाई विभाग ने 31 अगस्त तक 281.2 मिलीमीटर बरसात दर्ज की। इसके बाद मानसून फिर सुस्त हो गया। 8 और 9 सितम्बर को ताबड़तोड़ बरसात हुई तो आंकड़ा 302 मिलीमीटर के आसपास पहुंचा। इसके बाद करीब 10 दिन में कहीं नहीं बरसी। पिछले दिनों चक्रवाती तूफान डे कारण बौछारें पड़ी। इसके बावजूद बारिश का आंकड़ा 353 मिलीमीटर से आगे नहीं बढ़ पाया।
मानसून की सूखी विदाई
मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। आषाढ़, सावन और भादौ बीत चुके हैं। आसोज के भी तीन दिन निकल गए हैं। सिंचाई विभाग की मानें तो 1 जून से 30 सितम्बर तक महज 355 मिलीमीटर बरसात हुई है। जबकि जिले की औसत बरसात के 550 मिलीमीटर है। पुष्कर सरोवर में भी कम पानी की आवक हुई है।
मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। आषाढ़, सावन और भादौ बीत चुके हैं। आसोज के भी तीन दिन निकल गए हैं। सिंचाई विभाग की मानें तो 1 जून से 30 सितम्बर तक महज 355 मिलीमीटर बरसात हुई है। जबकि जिले की औसत बरसात के 550 मिलीमीटर है। पुष्कर सरोवर में भी कम पानी की आवक हुई है।