मेडिकल कॉलेज निर्माण में आएगी तेजी अजमेर शहर के कायड़ में प्रस्तावित जेएलएन मेडिकल कॉलेज विस्तार के लिए अब भू-उपयोग परिवर्तन (सिवायचक से चिकित्सकीय प्रयोजनार्थ) की आवश्यकता नहीं होगी होगी। इससे मेडिकल कॉलेज निर्माण में तेजी आएगी।
शहरों में अलग अलग नियम गौरतलब है कि राज्य के कुछ शहरों में मास्टर प्लान में प्रस्तावित परिधि नियंत्रण पट्टी में जनोपयोगी सुविधार्थ जैसे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट,ठोस कचरा निस्तारण स्थल,बायोमेडिकल वेस्ट,ई-वेस्ट,हानिकारक अपशिष्ठ निस्तारण स्थल व ग्रिड सब स्टेशन इत्यादि अनुज्ञेय हैं। जबकि कु छ शहरों में मास्टर प्लानों में परिधि नियंत्रण पट्टी में अनुज्ञेय की जा सकने वाली इन जनोपयोगी सुविधाओं का वर्णन नहीं किया गया है। जिसके कारण भू-उपयोग परिवर्तन की प्रकिया अपनाई जाती है। इससे प्रोजेक्ट में विलम्ब होता है। अनावश्यक प्रस्ताव भेजने व पत्राचार के बाद भू उपयोग परिवर्तन होता। अब इस परिपाटी पर रोक लग जाएगी।