बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डी. पी. जारोली ने बुधवार को इस संबंध में पोर्टल का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों को बताया कि 1975 से अब तक बोर्ड परीक्षाएं देने वाले करोड़ों विद्यार्थियों को इस नई व्यवस्था से राहत मिलेगी। विद्यार्थी अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर से ऑनलाइन आवेदन और डेबिट- क्रेडिट कार्ड अथवा नेटबैकिंग के माध्यम से शुल्क जमा करा सकेंगे।
महज तीन दिन में पहुंचेंगे दस्तावेज बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि विद्यार्थियों को उनके दस्तावेज महज तीन दिन में उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे। यह सुविधा महज राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश अथवा विदेश में बैठे बोर्ड के मौजूदा अथवा पूर्व विद्यार्थियों को उपलब्ध होगी।
यह होगी प्रक्रिया डॉ. जारोली ने बताया कि मार्कशीट अथवा अन्य प्रमाण-पत्रों के लिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए बोर्ड की वेबसाइट पर 24 घंटे लिंक उपलब्ध रहेगा। दस्तावेज का शुल्क डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड अथवा नेटबैंकिंग से जमा किया जा सकेगा। आवेदक को बोर्ड वेबसाइट पर अपना आधार कार्ड भी अपलोड करना होगा, ताकि वास्तविक विद्यार्थी बोर्ड दस्तावेज प्राप्त कर सके।
मोबाइल पर संदेश मिलेगा बोर्ड वेबसाइट पर इसके लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रारूप उपलब्ध कराया गया है। आवेदन प्रक्रिया पूरी होते ही आवेदन के मोबाइल पर संदेश मिलेगा। दस्तावेज तैयार होने और स्पीड पोस्ट से रवाना करने का संदेश भी मिलेगा। विद्यार्थियों को स्पीड पोस्ट का क्रमांक भी दिया जाएगा इससे वे अपने दस्तावेज की ट्रेकिंग भी कर सकेंगे। कार्यालय समय में दोपहर 2 बजे तक आने वाले आवेदनों का निस्तारण उसी दिन कर दिया जाएगा।
विद्यार्थी सेवा केन्द्रों की उपयोगिता होगी खत्म डॉ.जारोली ने बताया कि नई व्यवस्था लागू होने से बोर्ड कार्यालय और राज्य के विद्यार्थी सेवा केन्द्रों पर दबाव कम होगा। बोर्ड कार्यालय में रोजाना सैकड़ों विद्यार्थी दस्तावेज लेने के लिए राज्य के दूर दराज जिलों से आते हैं। उनकी परेशानी भी समाप्त होगी। उन्होंने बताया कि राज्य में स्थित विद्यार्थी सेवा केन्द्रों पर नई व्यवस्था के बाद दस्तावेज जारी होने की समीक्षा होगी उसके बाद ही इन सेवा केन्द्रों को यथावत रखने अथवा बंद करने पर निर्णय किया जाएगा।