वेंडिंग जोन तय नहीं पिछले एक दशक से ब्यावर नगर परिषद प्रशासन की ओर से वेंडिंग जोन तय नहीं किए गए। इसके चलते चांगगेट, अजमेरी गेट व पाली बाजार में ठेलों वालों की रेलमपेल लगी रहती है। स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाने के लिए एक एजेंसी को काम दिया गया था, लेकिन प्रभावी देखरेख के अभाव में यह मंशा फाइलों में दबी पड़ी है। शहर का विस्तार अजमेर रोड बाइपास से लेकर केसरपुरा रोड बाइपास तक, देलवाडा रोड बाइपास से लेकर सेंदड़ा रोड साइनाथ नगर तक हो गया है।
इसके अलावा मेडिया तक कई कॉलोनियां विकसित हो गईं। नगर परिषद प्रशासन की ओर से शहर के विस्तार व आवश्यकता के अनुरूप आम जरूरत की सामग्री को लेकर सेवाओं के विस्तार को लेकर कोई कदम नहीं उठाए। यही कारण है कि सब्जी व फल जैसी आम जरूरत की खरीद के लिए भी करीब पचास से एक सौ रुपए का टैम्पो किराया देकर बाजार आना पड़ता है।
स्थायित्व दिया जाना संभव ब्यावर में लॉकडाउन के दौरान सब्जी व फल विक्रेताओं ने अपनी सुविधा के अनुरूप क्षेत्र तय कर लिए थे। उन क्षेत्रों में फल व सब्जी का विक्रय कर रहे थे। अलग-अलग क्षेत्रों में फल व सब्जी बेचने वाले पहुंच रहे थे। लॉकडाउन खुलने के बाद मुख्य बाजार, चांगगेट, अजमेरी गेट, पाली बाजार सहित अन्य स्थानों पर अनावश्यक दबाव वापस बढ़ गया है। जबकि प्रशासन चाहता तो लॉकडाउन में स्वत: आवश्यकतानुरूप शुरू हुई व्यवस्था का आंकलन कराकर व्यवस्था को स्थायी रूप दिया जा सकता था। इससे बाजार में अनावश्यक दबाव को कम करने के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में बाजार विकसित कर दूरदराज की कॉलोनियों को भी लाभ दिया जा सकता था।
स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी का गठन ब्यावर नगर परिषद प्रशासन की ओर से ठेला संचालकों का एक निजी एजेंसी के जरिए सर्वे कराया गया। इसके बाद कार्ड बनाकर ठेला संचालकों को दिया गया। वेंडिंग कमेटी का गठन भी किया जा चुका है। इसके बाद नगर परिषद प्रशासन की ओर से अलग-अलग जोन बनाकर क्षेत्र नहीं बांटे गए। इसके चलते मुख्य बाजार में ही ठेले वालों का दबाव बना रहता है।
नए क्षेत्र विकसित करना जरूरी शहर में कई कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। नई विकसित हुई कॉलोनियों में आवागमन की समस्या रहती है। इसके अलावा सब्जी वाले भी नहीं पहुंच पाते हैं। एेसे में लोग अपनी कॉलोनी से सब्जी लेने के लिए चांगगेट, अजमेरी गेट, सूरजपोल गेट व छावनी मार्ग पर अपनी सुविधा के अनुरूप जाते हैं। इनमें आवाजाही में समय लगने के साथ ही मुख्य बाजार में शाम के समय यातायात का दबाव बढ़ जाता है। एेसे में अलग-अलग क्षेत्रों में सब्जी व फल की छोटी मंडियां विकसित किए जाने की आवश्यकता है।