नसीराबाद नगर पालिका की घोषणा तत्कालीन भाजपा सरकार की मुखिया वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje, head of BJP government) ने चुनावों से पूर्व कर दी थी। इसके बाद छावनी बोर्ड का संबंधित क्षेत्र एवं वार्डों को पालिका के अन्तर्गत लाने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से क्रियान्वित नहीं हो पाई। यही वजह है कि नगर पालिकाओं की आरक्षण लॉटरी (Reservation Lottery of Municipalities) में छावनी बोर्ड के वार्डों के अतिरिक्त को ही जनसंख्या में दर्शाया गया है। यह जो जनसंख्या है वह वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक है। उधर, पालिका चुनाव से पूर्व प्रशासन की ओर से इन वार्डों में पुन: जनगणना कराई जा रही है, ताकि जो नए जुड़ी जनसंख्या है उसे भी नगर पालिका चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किया जा सके।
छावनी बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद हो पाएगा विलय नगर पालिका क्षेत्र में नसीराबाद की सम्पूर्ण जनसंख्या को शामिल करने के लिए छावनी बोर्ड से एनओसी (Noc) आवश्यक है। इसके लिए सेना के दिल्ली स्थित मुख्यालय (Army Headquarters in Delhi) से भी जनप्रतिनिधियों एवं सरकार के नुमाइंदों ने सम्पर्क साधा है एवं कार्यवाही चल रही है। मगर नगर पालिका के नवम्बर तक प्रस्तावित चुनाव से पूर्व यह मुमकिन भी नजर नहीं आ रहा है। अब जब तक छावनी बोर्ड से एनओसी जारी नहीं होती तब तक निकाय चुनावों में संबंधित जनसंख्या की भागीदारी भी सुनिश्चित नहीं हो सकती है।
राजस्थान की सबसे कम जनसंख्या वाली पालिका का बन सकता है रिकॉर्ड प्रदेश की सभी नगर पालिका में जनसंख्या के लिहाज से नसीराबाद सबसे कम जनसंख्या वाली बन सकती है। अगर छावनी बोर्ड की चुनाव पूर्व एनओसी नहीं मिलती है और संबंधित वार्डों के मतदाता/जनसंख्या शामिल नहीं होती है तो नसीराबाद सबसे कम जनसंख्या वाली नगर पालिका के रूप में पहचानी जा सकती है।
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Local bodies : ब्यावर, पुष्कर और नसीराबाद के वार्डों की तस्वीर हुई साफ आजादी के बाद से थी पालिका बनाने की मांग नसीराबाद की जनता आजादी के बाद से ही पालिका की मांग धीरे-धीरे बढ़ती गई। नब्बे के दशक के बाद वर्ष 2013 में यह मांग जोर पकडऩे लगी। यही वजह है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने लोकसभा उपचुनाव (Lok Sabha by-election) से पूर्व नगर पालिका बनाने का आश्वासन ही नहीं घोषणा तक कर दी। यह भी पढ़ें
Smart city : स्मार्ट सिटी के खुले नालों में बह रही सेफ्टी टैंक की गंदगी इनका कहना है… सेक्टर चार-पांच में लोग इस साल से रहने लगे हैं। उनकी जनगणना नहीं हो पाई थी। अब उनकी जनगणना की जा रही है। अंतिम मतदाता प्रकाशन सूची 18 अक्टूबर को होगी। इसमें यह संख्या बढ़ जाएगी। महेन्द्र चारण, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका नसीराबाद छावनी बोर्ड की एनओसी नहीं मिलने से फिलहाल अधिक जनसंख्या वाले वार्ड पालिका क्षेत्र में शामिल नहीं हुए हैं। जो वर्तमान में पालिका क्षेत्र के वार्ड हैं उनमें जनगणना पुन: कराई जा रही है, ताकि वे पालिका चुनाव में इनकी भागीदारी हो सके।
रामस्वरूप लाम्बा, विधायक, नसीराबाद