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धोलाभाटा धाननाड़ी क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर पत्रिका टीम पहुंची तो रमेश चौराहे पर अपने काम में मशगूल नजर आए। सफेद कलई से रमेश सड़क-चौराहों पर ‘कोरोना से बचाव ही उपचार है, कोरोना संक्रमण रोकना है तो लॉकडाउन की करनी होगी पालना, कोरोना संक्रमण से ना है तो सोशयल डिस्टेंसिंग की पालना करनी होगीÓ जैसे स्लोगन लिख चुका है। पत्रिका से बातचीत में रमेश बाबू ने बताया कि वह आम दिनों में दीवारों पर विज्ञापन बनाने का का काम करता है। लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन के तमाम प्रयास के बाद भी लोग बाहर निकल रहे हैं। उसने स्वयं प्रेरणा से कोरोना संक्रमण से बचाव के संदेश सड़क, चौराहों और गलियों के मुहाने तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
धोलाभाटा धाननाड़ी क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर पत्रिका टीम पहुंची तो रमेश चौराहे पर अपने काम में मशगूल नजर आए। सफेद कलई से रमेश सड़क-चौराहों पर ‘कोरोना से बचाव ही उपचार है, कोरोना संक्रमण रोकना है तो लॉकडाउन की करनी होगी पालना, कोरोना संक्रमण से ना है तो सोशयल डिस्टेंसिंग की पालना करनी होगीÓ जैसे स्लोगन लिख चुका है। पत्रिका से बातचीत में रमेश बाबू ने बताया कि वह आम दिनों में दीवारों पर विज्ञापन बनाने का का काम करता है। लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन के तमाम प्रयास के बाद भी लोग बाहर निकल रहे हैं। उसने स्वयं प्रेरणा से कोरोना संक्रमण से बचाव के संदेश सड़क, चौराहों और गलियों के मुहाने तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
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कोरोना स्लोगन-चित्र से संदेश
अलवर गेट क्षेत्र की अधिकांश गली-सड़कों पर वह कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए स्लोगन व चित्र बना चुका है। इसमें झलकारी नगर, अशोक नगर भट्टा, अलवर गेट, नगरा, नोनकरण का आहता, धोलाभाटा व धाननाड़ी क्षेत्र शामिल हैं। वह लगातार क्षेत्र में कोरोना तस्वीर बनाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है।
कोरोना स्लोगन-चित्र से संदेश
अलवर गेट क्षेत्र की अधिकांश गली-सड़कों पर वह कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए स्लोगन व चित्र बना चुका है। इसमें झलकारी नगर, अशोक नगर भट्टा, अलवर गेट, नगरा, नोनकरण का आहता, धोलाभाटा व धाननाड़ी क्षेत्र शामिल हैं। वह लगातार क्षेत्र में कोरोना तस्वीर बनाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है।