अरुणा का मानना है कि मानव्हीसिल ब्लोअर के बगैर कोई देश-समाज संतुलित नहीं रह सकता है। केवल बनाना और थोपना लोकतंत्र नहीं हैं। सूचना के अधिकार में पीएम केयर्स फंड या राजनैतिक दलों को चंदे में मिली राशि की जानकारी लेने के लिए व्हीसिल ब्लोअर होना अनिवार्य है। राय ने किसान मजदूर शक्ति संगठन की अगुवाई में पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार का पकड़ा। लम्बे संघर्ष और सियासी अड़चनों के बाद देश को सूचना का अधिकार कानून-2005 मिला।
अरुणा का कहना है कि भारत में महिलाएं सदियों से घरेलू और सामाजिक हिंसा का शिकार हैं। हालांकि दहेज प्रथा रोकने के लिए कानून बना लेकिन शत-प्रतिशत कामयाबी दूर है। स्वाधीनता के 74 साल बाद भी ठेठ ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बालिकाएं पांचवीं-आठवीं अथवा बारहवीं के बाद पढ़ नहीं पातीं। उन्होंने पति बंकट रॉय के साथ मिलकर महिला स्वावलम्बन
के लिए बेयरफुट कॉलेज खोला। यहां फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, मिस्र, अफगानिस्तान, श्रीलंका, कम्बोडिया सहित कई देशों की महिलाएं सौर ऊर्जा लाइट और उपकरण बनाना सीख रही हैं।