scriptमहीनों से 4.84 करोड़ के बिलों पर कुंडली मारे बैठे हैं अभियंता | Payments are being made at the 'Smart City Company' as per convenience | Patrika News
अजमेर

महीनों से 4.84 करोड़ के बिलों पर कुंडली मारे बैठे हैं अभियंता

स्मार्ट सिटी कम्पनी में ‘सुविधानुसारÓ हो रहा भुगतान
दो दिन में बिल भुगतान के कलक्टर के आदेश दरकिनार

अजमेरMay 11, 2021 / 08:57 pm

bhupendra singh

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. स्मार्ट सिटी परियोजना ‘Smart City Compan के प्रोजेक्टों की तरह ही अभियंता इनके बिलों के भुगतान Payments में भी लापरवाही बरत रहे हैं। जबकि स्मार्ट सिटी के smart city ceo सीईओ एवं जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि कि किसी भी प्रोजेक्ट का बिल दो दिन से अधिक नहीं रोका जाए। इसके बावजूद शहर में चल रहे 21 प्रोजेक्टों के 4 करोड़ 82 लाख 97 हजार 967 रूपए के बिल तीन-चार महीने तक करोड़ों रूपए के बिल अभियंताओं की टेबलों पर धूल फांक रहे हैं। बिल भुगतान में देरी पर मनमर्जी से काम व बिल में काटछांट का समय मिलता है। फिर अभियंता अपनी ‘सुविधाÓ convenience के अनुसार बिल भुगतान करते हैं। करोड़ों के बिल एईएन रविकांत शर्मा, अंकित माथुर, रमाकांत शर्मा तथा पीएमसी की टेबलों पर पड़े हैं।
इन प्रोजेक्टों पर असर

थ्री डी प्रोजेक्शन, अकबरी फोर्ट, बांडी नदी, सर्कुलर रोड, क्लॉक टावर, पुलिस लाइन डिजिटल लाइब्रेरी, पुराना स्केप चैनल, जीसीए,आईटी हार्डवेयर बिल, माकड़वाली रोड, मोबाइल एप, मुराल एंड वाल पेंटिग, पिडियाट्रिक ब्लॉक, पाथ-वे, फेज थ्री पार्क, सावित्री स्कूल, शास्त्री नगर रोड ,अरबन हाट, विभिन्न पार्क, वैशाली नगर रोड। करोड़ों रूपए का बिल भुगतान अटकने से प्रोजेक्टों पर असर पड़ रहा है।
अधीक्षण अभियंता के बेतुके तर्क

स्मार्ट सिटी के अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा का तक है कि उनके पास इंजीनियरों की कमी है। इसलिए बिल भुगतान में देरी हो रही है। जबकि स्मार्ट सिटी में अभियंताओं के सभी पद भरे हुए है। इसके अलावा एडीए व व नगर निगम से 8 अभियंता भी अपनी सेवाएं स्मार्ट सिटी को दे रहे हैं। लेकिन इन अभिंयताओं को एक-दो प्रोजेक्ट ही दिए गए है। करोड़ों रूपए के प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के अभियंता ही संभाल रहे हैं।
कलक्टर के निर्देश पर हुई थी ऑनलाइन व्यवस्था

स्मार्ट सिटी के अभियंता भले ही शहर को स्मार्ट बनाने में लगे हों लेकिन उनकी कार्यशैली पुराने ढर्रे पर ही थी। दो-दो साल तक प्रोजेक्टों के बिलों का भुगतान नहीं हो रहा था। मामला जानकारी में आने पर सीईओ प्रकाश राजपुरोहित ने स्मार्ट सिटी अभियंताओं को बिल भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए। जिससे बिल प्रस्तुत करने और भुगतान नहीं होने में देरी के लिए जिम्मेदारी तय की जा सके लेकिन इसके बावजूद लापरवाही बरती जा रही है। अभियंता ऑन लाइन व्यवस्था को धता बता रहे हैं।
इनका कहना है

हम चौबीस घंटे में जिता काम कर सकते हैं कर रहे हैं। चेक करने में समय लगता है। प्रोजेक्ओं के बिल हमारे स्तर पर ही पेंडिग हैं।

अविनाश शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, स्मार्ट सिटी अजमेर

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