scriptPHED : पानी आते ही यहां लग जाता है बूस्टरों का मेला | PHED : A booster fair is organized here as soon as water comes | Patrika News
अजमेर

PHED : पानी आते ही यहां लग जाता है बूस्टरों का मेला

ट्राम-वे स्टेशन स्थित कई बस्तियों में पानी की किल्लत
जलापूर्ति के दौरान हर गली में लगते हैं मोटर

अजमेरJun 13, 2020 / 04:52 pm

himanshu dhawal

PHED : जोखिम उठाकर बूस्टर से खींचते पानी

PHED : जोखिम उठाकर बूस्टर से खींचते पानी

हिमांशु धवल. अजमेर.

ट्राम-वे स्टेशन स्थित हरिजन बस्ती में जलापूर्ति के दौरान मेला जैसा माहौल हो जाता है। ऊंचाई पर बने मकानों तक पानी पहुंचाने के लिए कई बूस्टर का सहारा लेना पड़ता है। इसके लिए बिजली के कनेक्शन के लिए घरों से तार तक खींचे हुए हैं। एक साथ एक गली में 30-40 बूस्टर लगने से हादसे का अंदेशा भी रहता है।
शहर के वार्ड 13 और 14 में कई मकान ऊंचाई (पहाड़ी) पर बने हुए है। ट्राम-वे और आस-पास की बस्तियों में ऊंचाई पर बने मकानों में जलापूर्ति के दौरान घरों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि टंकी का निर्माण होने के बावजूद इसका लाभ नहीं मिल रहा है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि बागरी बस्ती, ढोली बस्ती, रैगर बस्ती, हंस विद्या मंदिर के पीछे, प्रभात बस्ती और हरिजन बस्ती सहित कई क्षेत्रों में जल संकट है। बूस्टर लगाने से ही घरों तक पानी पहुंच पाता है। जनप्रतिनिधियों और जलदाय विभाग के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बावजूद स्थिति में जस की तस बनी हुई है।
अलग से खींच रखी है लाइन

यहां प्रत्येक गली में पानी की मोटरें लगाई जाती हैं। पहाड़ी पर बने मकानों से नीचे तक सभी ने घरों से बिजली के तार खींच रखे हैं। इसके लिए पॉइंट लटका रखे हैं। आपूर्ति के दौरान तार को जोडऩे और हटाने में हादसा होने का अंदेशा बना रहता है।
नहीं पहुंचता पानी
ऊंचाई पर बने मकानों पर पानी नहीं पहुंचता है। इसके कारण ही मजबूर होकर पानी की मोटर लगानी पड़ती है। मोटर नहीं लगे तो पीने के पानी तक की परेशानी हो जाती है।
– दिनेश लखन, क्षेत्रवासी ट्राम-वे स्टेशन

नहीं होती सुनवाई

गर्मी में तो पानी की मांग बढ़ जाती है। इसके कारण परेशानी होती है। सभी को इसकी जानकारी है, लेकिन कोई भी ध्यान नहीं देता है।
– मुकेश कुमार, क्षेत्रवासी ट्राम-वे स्टेशन

फैक्ट फाइल

– 900-1000 के करीब ऊंचाई पर बने मकान

– 300-400 के बीच लगती हैं प्रतिदिन मोटरें

– 8-10 के करीब गलियों में लगाई जाती मोटरें
इनका कहना है…
टंकी के आस-पास और ऊपर भी मकान बन गए है। गर्मी में पानी की होड़ के चलते मोटर लगाते हैं। इसके कारण यह समस्या बढ़ जाती है।

– सुनील बाकलीवाल, एईएन जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग

Home / Ajmer / PHED : पानी आते ही यहां लग जाता है बूस्टरों का मेला

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो