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अजमेर

Rain in Ajmer: इंद्रदेव की मेहरबानी, कभी तेज बरसात तो कभी बौछार

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अजमेरJul 19, 2018 / 09:08 am

raktim tiwari

rain in ajmer

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अजमेर

इंद्रदेव की मेहरबानी बनी हुई है। अलसुबह से शहर में कभी तेज बरसात तो कभी बौछार का दौर चलता रहा। कई जगह सड़कों पर पानी भर गया। काली घनघोर घटाएं आसमान पर छाई रही। घरों-दफ्तरों के अलावा वाहन चालकों को दिन में भी लाइट जलानी पड़ी।
अलसुबह 4 बजे से बरसात ने भिगोना शुरू कर दिया। शहर के वैशाली नगर, पंचशील, नसीराबाद रोड, ब्यावर रोड, नाका मदार, चंदवरदायी नगर, रामगंज, अजय नगर, तारागढ़, फायसागर और आसपास के इलाकों में तेज बरसात हुई। रुक-रुक कर बरसात का दौर जारी रहा। बालूपुरा-आदर्श नगर, केसरगंज, रामगंज, सुभाष नगर और अन्य इलाकों में भी बरसात का दौर चला।
सड़कों पर पानी
पुलिस लाइन, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, लोहागल रोड, माकड़वाली रोड, रामगंज, भूणाबाय, जयपुर रोड, अलवर गेट, मेयो लिंक रोड, श्रीनगर रोड, रोडवेज बस स्टैंड, महावीर सर्किल, फायसागर रोड और आसपास के इलाकों में सड़कों पर पानी हिलारें मारता रहा। नालों और नालियों में भी पानी बहता रहा।
आनासागर में पहुंचा पानी

लगातार दो दिन से बरसात के चलते आनासागर झील में पानी पहुंचा है। शहर के विभिन्न नालों का पानी पहुंचने से इसका रंग मटमैला नजर आया। लोग बारादरी, सागर विहार कॉलोनी स्थित पाल और रीजनल कॉलेज स्थित नई चौपाटी पर घूमते नजर आए।
पिकनिक स्पॉट आबाद
खुशनुमा मौसम और बरसात के चलते गुरुवार को पिकनिक स्पॉट पर चहल-पहल दिखी। फायसागर झील, पुष्कर-नाग पहाड़, महाराणा प्रताप स्मारक, अजयसर, बैजनाथ और अन्य स्थानों पर लोगों का चहल-पहल नजर आई।

टैंशन में आए सभी विश्वविद्यालयोंके कुलपति
गुणवत्ता पूर्ण शोध और ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोत बढ़ाने में प्रदेश के विश्वविद्यालयों की रुचि नहीं है। इसके चलते ही नैक ग्रेडिंग में उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। ऐसा हम नहीं बल्कि राजभवन सचिवालय से जारी पत्र बता रहा है। विश्वविद्यालयों के कामकाज से कुलाधिपति बहुत ज्यादा खुश नहीं है। राजभवन ने विश्वविद्यालयों में काफी सुधार की जरूरत बताई है। राज्यपाल के सचिव देबाशीष पृष्टी ने हाल में एक पत्र जारी किया है। इसे सही मायनों में विश्वविद्यालयों का रिपोर्ट कार्ड माना जा सकता है। सचिव ने विश्वविद्यालयों को शैक्षिक उत्तरदायित्व के अलावा सामाजिक सरोकार और कई अहम कार्यों में काफी पिछड़ा बताया है।
नहीं हो रहा गुणवत्तापूर्ण शोध
पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालयों की पहचान उत्कृष्ट शोध से होती है। इसमें गुणवत्तापूर्ण शोध सबसे अहम है, जो देश-प्रदेश और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों शोध गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा। नैक की ग्रेडिं में विश्वविद्यालयों की खराब स्थिति इसका परिचायक है। सभी विश्वविद्यालयों को शोध में सुधार लाने की जरूत है। ताकि विद्यार्थी, शिक्षक, विभाग, संस्थाओं और आमजन तक उनका फायदा पहुंचे।
नहीं हो रहा बरसाती पानी का संग्रहण

केंद्र और राज्य सरकार ने सभी सरकारी अैार निजी विभागों, आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों को बरसात के पानी को संग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। कई सरकारी और निजी महकमों और घरों में इसकी शुरुआत हो भी गई है। फिर भी यह इनकी संख्या अंगुलियों पर गिनने लायक ही हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सहित कई संस्थाओं में बरसात के पानी का संग्रहण नहीं हो रहा है। राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों से इसकी रिपोर्ट मांगी है।

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