नगर निगम ने कहा कि आनासागर के किनारे नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जा चुका है। एफटीएल, एमडब्ल्यूएल का सीमांकन किया जा चुका है। राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना के तहत वेरिएशन, बायोरेमेडिएशन व अन्य कार्य किए गए हैं। झील के किनारे एसटीपी बनाया गया है। डॉ.अफरोज ने कि कहा कि नाग पहाड़ी का बरसाती पानी व नालों का गंदा पानी सीधे ही आनासागर में जाता है। इसे रोका जाए। इसके लिए एनीकट बनाए जाएं। पानी को सहेजने के लिए वन विभाग वनस्पती व पेड़पौधे लगाएं। उन्होंने एडीए अधिकारियों से वेटलैंड विकसित करने की जानकारी ली। एडीए अभियंता ने बताया कि झील के किनारे वेटलैंड विकसित किया जाना है। इसके लिए 215 बीघा भूमि चिन्हित है। इस भूमि से जुड़े कई मामले न्यायालय में लम्बित है। खातेदारों से वार्ता कर मामला सुलझाया जा रहा है।
झील के किनारे वेटलैंड विकसित किया जाएगा। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि झील में ऑक्सीजन की मात्रा कम है। इसके बढ़ाया जाना आवश्यक है। बैठक में मस्त्य विभाग के अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर डॉ.अफरोज ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने आना सागर में पल रही मछलियां की किस्म आदि की भी जानकारी ली।
पुष्कर में बैठक
पुष्कर में बैठक
सर्किट हाउस में बैठक के बाद उन्होंने पुष्कर में भी सम्बन्धित विभागों की बैठक ली तथा पुष्कर झील तथा पानी की आवक के लिए बनाए गए पुष्कर फीडर का भी निरीक्षण किया। पुष्कर नगर पालिका के अभियंता ने पुष्कर झील के लिए झील संरक्षण योजना के लिए किए गए कार्यो तथा खर्च की गई राशि का ब्यौरा दिया।
फैक्ट फाइल
फैक्ट फाइल
वर्ष 2014 में राष्ट्रीय झील संरक्षण मिशन के लिए आनासारगर झील के संरक्षण व संवर्धन के लिए 9 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। जबकि पुष्कर झील के लिए इस मिशन के लिए 48 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
दरगाह जियारत
बैठक व निरीक्षण के बाद डॉ. अहमद पत्नी सहित दरगाह जियारत के लिए पहुंचे। खादिक मुकद्स मोइनी ने उन्हें जियारत करवाई। read more: मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन की मांगी स्वीकृति
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