बिना कार्ययोजना प्रगति संभव नहीं
चर्चा के दौरान प्रतिभागियों का मानना रहा कि बिना कार्ययोजना के देश, राज्य व क्षेत्र प्रगति नहीं कर सकता। व्यापक हित व समग्र दृष्टिकोण लेकर चलने पर ही विकास की सही अवधारणा साकार हो सकती है। जन एजेंडा से आने वाले कल के लिए योजना बनाने में सहायता मिल सकेगी। लोगों का मानना रहा कि किसी भी समस्या का समाधान केवल सरकार के भरोसे रहकर नहीं किया जा सकता। बल्कि उसके लिए सभी को एकजुट होकर पहल करनी होगी। लोगों ने चर्चा के दौरान आए सुझावों को राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल करने का सुझाव दिया।
चर्चा के दौरान प्रतिभागियों का मानना रहा कि बिना कार्ययोजना के देश, राज्य व क्षेत्र प्रगति नहीं कर सकता। व्यापक हित व समग्र दृष्टिकोण लेकर चलने पर ही विकास की सही अवधारणा साकार हो सकती है। जन एजेंडा से आने वाले कल के लिए योजना बनाने में सहायता मिल सकेगी। लोगों का मानना रहा कि किसी भी समस्या का समाधान केवल सरकार के भरोसे रहकर नहीं किया जा सकता। बल्कि उसके लिए सभी को एकजुट होकर पहल करनी होगी। लोगों ने चर्चा के दौरान आए सुझावों को राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल करने का सुझाव दिया।
उनका मानना रहा कि ये सुझाव प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए प्रेरित करने वाला महाअभियान चलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका मानना रहा कि शत-प्रतिशत मतदान से ही देश में सही लोगों का चयन हो सकता है व इसी से भारत निर्माण की अवधारणा साकार हो सकती है।
अजमेर-कोटा रेल सेवा
केकड़ी में इन्डोर स्टेडियम का निर्माण हो, अजमेर-कोटा रेल सेवा शुरू हो, एकल खिडक़ी प्रणाली लागू हो, सभी तरह के सरकारी कार्यालय एक परिसर में हो, हर गांव में नन्दी गोशाला हो, किसानों को दिन में 8 घंटे बिजली मिले, रोडवेज डिपो की स्थापना हो, ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना हो, शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हो, हर तरह के विकास में ग्रामीण क्षेत्र को भी उतना ही हिस्सा मिले जितना शहरी क्षेत्र को मिल रहा है।
केकड़ी में इन्डोर स्टेडियम का निर्माण हो, अजमेर-कोटा रेल सेवा शुरू हो, एकल खिडक़ी प्रणाली लागू हो, सभी तरह के सरकारी कार्यालय एक परिसर में हो, हर गांव में नन्दी गोशाला हो, किसानों को दिन में 8 घंटे बिजली मिले, रोडवेज डिपो की स्थापना हो, ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना हो, शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हो, हर तरह के विकास में ग्रामीण क्षेत्र को भी उतना ही हिस्सा मिले जितना शहरी क्षेत्र को मिल रहा है।
रोजगार कार्यालय खुले उपखंड स्तर पर रोजगार कार्यालय खुले, मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज खोला जाए, राजस्व अपील न्यायालय की स्थापना हो, प्राकृतिक जल संसाधनों को बचाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए, सार्वजनिक निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की देखरेख के लिए सामुदायिक प्रतिनिधियों की टीम निगरानी करे, आरक्षण की व्यवस्था समाप्त हो, ठोस कचरा प्रबंधन पर कार्य योजना बने व केकड़ी जिला बने ऐसे कई सुझाव सामने आए।
इन्होंने लिया चर्चा में भाग
प्रो. ज्ञानचन्द सुराणा, राजेन्द्र विनायका, आनन्दीराम सोमाणी, धनेश जैन, रामबाबू सागरिया, यज्ञनारायण सिंह शक्तावत, रणजीत सिंह केशावत, नीरज साहू, दिनेश मेवाड़ा, भवानी सिंह शक्तावत, नवल किशोर पारीक, भरत शर्मा, रामचन्द टहलानी, नीरज नायक, अरविन्द नाहटा, लोकेश साहू, मुकेश शर्मा, ज्ञाता जैन, रतिराम, त्रिलोक मेवाड़ा, नवीन टांक, भगवान स्वरूप माहेश्वरी, राकेश शर्मा, भरत मराठा व दिनेश वैष्णव ने चर्चा में हिस्सा लिया।
प्रो. ज्ञानचन्द सुराणा, राजेन्द्र विनायका, आनन्दीराम सोमाणी, धनेश जैन, रामबाबू सागरिया, यज्ञनारायण सिंह शक्तावत, रणजीत सिंह केशावत, नीरज साहू, दिनेश मेवाड़ा, भवानी सिंह शक्तावत, नवल किशोर पारीक, भरत शर्मा, रामचन्द टहलानी, नीरज नायक, अरविन्द नाहटा, लोकेश साहू, मुकेश शर्मा, ज्ञाता जैन, रतिराम, त्रिलोक मेवाड़ा, नवीन टांक, भगवान स्वरूप माहेश्वरी, राकेश शर्मा, भरत मराठा व दिनेश वैष्णव ने चर्चा में हिस्सा लिया।