मौसम रविवार को भी बदला। सुबह से कभी तेज बरसात तो कभी रिमझिम बौछारों ने भिगोया। मौसम में ठंडक रही। जयपुर रोड पर कांकरदा भूणाबाय, घूघरा घाटी और आसपास के इलाकों में पहाडिय़ों का पानी सड़क पर भर गया। दरगाह बाजार-नला बाजार में भी पानी उफना। आनासागर चौपाटी और इससे सटी सड़क पर पानी भर गया। निचले और अंदरूनी इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया।
अजमेर. गर्मी के लिहाज से भीषण माने जाने वाला मई माह बीतने को है, लेकिन इस बार गर्मी का वह उग्र रूप नहीं दिख रहा है। सूरज के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के बावजूद तपन गायब है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते लगातार बादल छाने, बरसात और तूफानी हवाओं के चलते यह स्थिति बनी है। झुलसाती धूप और लू के तेवर ढीले पड़े हैं।
महज 15 दिन रही गर्माहट इस बार मई के शुरुआत में पश्चिमी विक्षोभ के चलते बरसात और ओलावृष्टि हुई। इससे तापमान लुढ़कता हुआ 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके बाद महज 15 दिन गर्माहट रही। अधिकतम तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंच सका। मई में गर्मी का रुख कमजोर रहने का कारण पश्चिमी विक्षोभ रहा।
2021 में भी धुला था नौतपा साल 2021 के मई में चक्रवाती तूफान तौकाते और यास के चलते लगातार बरसात का दौर चला था। इसके चलते नौतपा धुल गया था। पिछले साल पूरे मई में भीषण गर्मी और लू का कहर रहा था। 2013 से 2020 तक भी यही स्थिति थी। तापमान 42 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच ही बना रहा था।
मार्च-अप्रेल से यही स्थिति इस बार मार्च और अप्रेल में दस बार पश्चिमी विक्षोभ के चलते अंधड़, बरसात और ओलावृष्टि हुई। मार्च में तापमान 30.1 से 36.1 डिग्री सेल्सियस तक बना रहा। अप्रेल में भी बरसात और ओलावृष्टि के चलते तापमान 30 से 36.8 डिग्री सेल्सियस तक ही सिमटा रहा।
चार दिन ऐसा ही रहेगा मौसम मौसम विभाग ने मई अंत तक अंधड़, बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। नया पश्चिमी विक्षोभ तंत्र बनने से यह स्थिति बनी है। हालांकि पिछले दस साल में साल 2021 का मई सबसे ठंडा रहा था। उस साल 18-19 मई को अधिकतम तापमान लुढ़कता हुआ 22.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।