हैडकांस्टेबल गोपाललाल चौधरी ने बताया कि वे कंटेनर के नीचे थे जबकि बदमाश कंटेनजर के ऊपर सो रहे थे। ज्यो ही पुलिस के दो जवान ऊपर पहुंचे उन्हें जगाया बदमाशों ने पिस्टल तान दी। इसी दरम्यिान दो युवकों ने कंटेनर से कूदते हुए फायरिंग कर दी। उन्होंने आसपास छीप कर पॉजिशन ली। तब तक जीतू बना और उसका साथ रणजीत सिंह भी एक अन्य युवक के साथ नीचे कूद गया। आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।
बच गई जान
अजमेर से गई टीम के सदस्यों ने बताया कि आरोपी कंटेनर के ऊपर थे। पुलिस की ओर से फायर खोलने की स्थिति में नुकसान होने की संभावना थी। उनको ऊंचाई से सबकुछ दिख रहा था जबकि पुलिस टीम नीचे थी। उनके दो साथी भी ऊपर पहुंच गए। ऐसे में फायरिंग करने पर पुलिस को काफी नुकसान हो जाता। उन्होंने ध्यर्य रखते हुए जवाबी फायरिंग नहीं की।
100 से ज्यादा कारतूस
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि जीतू बना, रण सा के पास हथियार के साथ 100 से ज्यादा राउंड कारतूस की मौजूदगी की जानकारी थी। ऐसे में पुलिस की ओर से फायरिंग किए जाने पर भी आरोपी भारी पड़ते। पुलिस टीम को गैंगसा में तीन लोगों की मौजूदगी का अंदाजा था लेकिन कंटेनर पर पांच व्यक्ति निकले।
गैंगसा संचालक ने दी शरण
महादेव गे्रनाइट पर कार्यरत सांडास, नीमी (नागौर) निवासी सीताराम पुत्र कुंभाराम नायक ने पूछताछ में बताया कि उसको गे्रनाइट मालिक भैरू गाडरी ने उसके मेहमानों को सुलाने का प्रबंध करने के लिए कहा था। उसने बताया कि 4 लोग 15 जुलाई को आए थे, जबकि एक व्यक्ति(शंकर) बुधवार रात 11 बजे आकर ठहरा। पुलिस गैंगसा संचालक की भूमिका पर जांच कर रही है।