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अजमेर

सौ राउण्ड कारतूस थे रणसा के पास, पुलिस गोली चलाती तो हो जाती मुसीबत

कंटेनर पर चढ़ते ही जवान पर किया था फायर
फायरिंग से जवान घबरा गए जवान

अजमेरJul 18, 2019 / 11:43 am

Amit

ransa has 100 round bullets, if police fire back their is big casualty

सौ राउण्ड कारतूस थे रणसा के पास, पुलिस गोली चलाती तो हो जाती मुसीबत,

अजमेर.

मनी एक्सचेंज व्यवसायी मनीष मूलचंदानी की हत्या व दस लाख रुपए की लूट के मामले में आरोपियों को पकडऩे गई अजमेर पुलिस की टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायर किए। मौके का फायदा उठाकर आरोपी फरार हो गए।
आरोपी चतरपुरा स्थित मार्बल गे्रनाइट गैंगसा में पनाह ले रखी थी। फायरिंग में अजमेर-केलवा थाने के जवान बाल-बाल बचे। हालांकि पुलिस ने नाकाबंदी कर बदमाशों को पकडऩे का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। केलवा थाना पुलिस ने पुलिस के जानलेवा पर जानलेवा हमला व राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार मनी एक्सचेंज व्यवसायी मनीष मूलचंदानी के हत्या के आरोपी व गिरोह के सरगना जयपुर जोबनेर के कंवरासा निवासी जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू बना, रणजीत सिंह उर्फ रण सा, जयपुर नरेणा सीतारामपुरा निवासी शंकर बलाई की तलाश में अजमेर पुलिस के हैडकांस्टेबल गोपाललाल चौधरी, सिपाही मुकेश सारण, रतन सिंह, महिपाल सिंह निकले थे। टीम को शंकर बलाई की लोकेशन मंगलवार सुबह दूदू के पास मिली। दूदू पहुंचने पर देर शाम उसकी लोकेशन राजसमन्द के आमेट थाना क्षेत्र में आई। अजमेर की टीम दूदू से राजसमन्द केलवा थाने पहुंची। यहां केलवा थाने के हैड कांस्टेबल जसवंत सिंह, कांस्टेबल उदयलाल व अनिल कुमार के साथ आमेट के पास धरतीधन मार्बल पर तडक़े 3 बजे पहुंचे। जहां मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी शंकर बलाई चतरपुरा के पास महादेव गे्रनाइट गैंगसा यूनिट पर सो रहा हैं। पुलिस दल महादेव गे्रनाइट पर पहुंचा, जहां उन्हें बदमाश रेलवे के कंटेनर पर सोते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी कर ली। दो जवान ऊपर चढ़े, तो कांस्टेबल अनिल कुमार व उदयलाल पर पिस्टल से फायर कर दिया गया। इससे पुलिस दल के जवान घबरा गए। इस बीच बदमाश कंटेनर से नीचे उतर गए। उनमें से दो अंधेरे में पैदल भाग गए, जबकि तीन जयपुर नम्बर की बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। बाइक पर भागने वालों में एक आरोपी शंकरलाल था, जबकि पैदल भागने वालों में जयपुर कंवरासा जोबनेर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू बन्ना पुत्र दरबार सिंह राजपूत व रणजीत सिंह उर्फ रणसा पुत्र किशनसिंह राजपूत थे। उनके साथ दो अन्य युवक भी मौजूद थे। हालांकि अजमेर व केलवा थाना पुलिस की तरफ से फायरिंग नहीं की गई।
हैडकांस्टेबल गोपाललाल चौधरी ने बताया कि वे कंटेनर के नीचे थे जबकि बदमाश कंटेनजर के ऊपर सो रहे थे। ज्यो ही पुलिस के दो जवान ऊपर पहुंचे उन्हें जगाया बदमाशों ने पिस्टल तान दी। इसी दरम्यिान दो युवकों ने कंटेनर से कूदते हुए फायरिंग कर दी। उन्होंने आसपास छीप कर पॉजिशन ली। तब तक जीतू बना और उसका साथ रणजीत सिंह भी एक अन्य युवक के साथ नीचे कूद गया। आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।
बच गई जान
अजमेर से गई टीम के सदस्यों ने बताया कि आरोपी कंटेनर के ऊपर थे। पुलिस की ओर से फायर खोलने की स्थिति में नुकसान होने की संभावना थी। उनको ऊंचाई से सबकुछ दिख रहा था जबकि पुलिस टीम नीचे थी। उनके दो साथी भी ऊपर पहुंच गए। ऐसे में फायरिंग करने पर पुलिस को काफी नुकसान हो जाता। उन्होंने ध्यर्य रखते हुए जवाबी फायरिंग नहीं की।
100 से ज्यादा कारतूस
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि जीतू बना, रण सा के पास हथियार के साथ 100 से ज्यादा राउंड कारतूस की मौजूदगी की जानकारी थी। ऐसे में पुलिस की ओर से फायरिंग किए जाने पर भी आरोपी भारी पड़ते। पुलिस टीम को गैंगसा में तीन लोगों की मौजूदगी का अंदाजा था लेकिन कंटेनर पर पांच व्यक्ति निकले।
गैंगसा संचालक ने दी शरण
महादेव गे्रनाइट पर कार्यरत सांडास, नीमी (नागौर) निवासी सीताराम पुत्र कुंभाराम नायक ने पूछताछ में बताया कि उसको गे्रनाइट मालिक भैरू गाडरी ने उसके मेहमानों को सुलाने का प्रबंध करने के लिए कहा था। उसने बताया कि 4 लोग 15 जुलाई को आए थे, जबकि एक व्यक्ति(शंकर) बुधवार रात 11 बजे आकर ठहरा। पुलिस गैंगसा संचालक की भूमिका पर जांच कर रही है।

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