विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में सरकार नया चेयरमेन नियुक्त नहीं कर सकती है। अब चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद ही कोई फैसला हो सकता है। वैसे संभागीय आयुक्त या माध्यमिक शिक्षा निदेशक ही यह पदभार संभाल सकते हैं।
प्रो चौधरी को 30 अक्टूबर 2014 में बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 29 अक्टूबर को 2017 में उनका तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया था। रीट आयोजन की वजह से राज्य सरकार ने उनका एक साल का कार्यकाल बढ़ा दिया।
बोर्ड अध्यक्ष ने अध्यक्ष बनते ही बोर्ड को पेपरलैस बनाने की घोषणा की थी लेकिन इस संबंध में कोई कार्य नहीं हो पाया। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार शिक्षा बोर्ड का कार्यभार फिलहाल किसी को सौंपा नहीं गया है। हालांकि इससे पूर्व बोर्ड अध्यक्ष के हटने अथवा कार्यकाल पूरा होने पर नए अध्यक्ष के मनोनयन होने तक संभागीय आयुक्त को कार्यभार सौपने की परम्परा रही है।