प्रो. जारोली ने कहा कि बोर्ड ने मूल्यांकन प्रक्रिया में नवाचार भी किया है। पूर्व में परीक्षकों को 450 उत्तरपुस्तिकाएं जांचने को दी जाती थी। अब अधिकतम 300 कॉपियां मूल्यांकन के लिए मिलेंगी। इससे वे 10 दिन में इनकी जांच कर सकेंगे। परीक्षकों को मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं के प्राप्तांक बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक पर ऑनलइन अपलोड करने होंगे। परीक्षकों को गोपनीय कोड जारी किए गए हैं। कोड फीड करने बाद उनको मोबाइल पर ओटीपी मिलेगा। इसके बाद वे विद्यार्थियों के प्राप्तांक ऑनलाइन फीड कर पाएंगे। बैठक में बूंदी, झालावाड़, बारां, कोटा, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ, डूंगरपुर, प्रतापगढ, राजसमन्द, जयपुर, धौलपुर, दौसा, जोधपुर, बाडमेर व जैसलमेर के जिला शिक्षा अधिकार मौजूद थे।
सचिव अरविन्द कुमार सेंगवा ने कहा कि परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग अहम है। शिक्षा अधिकारियों को पूर्ववत्र्ती परीक्षा केन्द्रों पर प्रति कक्ष 40 प्रतिशत परीक्षार्थी कम कर परीक्षाओं की रूपरेखा बनानी होगी। केंद्रों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय और सभाकक्ष का उपयोग किया जा सकेगा। सरकारी-निजी कॉलेज, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में जिला प्रशासन से चर्चा कर परीक्षा केंद्र बनाए जा सकते हैं। जिस परीक्षा केन्द्र से परीक्षार्थी अन्य केन्द्रों पर स्थानांतरित होंगे वे उस परीक्षा केन्द्र के उपकेन्द्र माने जाएंगे। बारिश और आंधी के चलते केंद्रों पर टैंट की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।