आयोग ने कोरोना संक्रमण का कारण बताकर परीक्षाएं-साक्षत्कार स्थगित किए थे। लेकिन सियासी वजह भी सामने आई हैं। दरअसल आयोग के मौजूदा तीनों सदस्य भाजपा राज में नियुक्त हुए थे। बीते डेढ़ साल के कार्यकाल में सरकार चार नए सदस्यों की नियुक्तियां नहीं कर पाई है। इसके अलावा अध्यक्ष दीपक उप्रेती का कार्यकाल 14 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। सरकार नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भी करना चाहती है।
सीएम अशोक गहलोत ने 19 सितंबर को जयपुर में आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड को भर्ती परीक्षाएं-साक्षात्कार समय पर कराने को कहा है। आयोग में सदस्यों की कमी को छोड़कर कोई बड़ी परेशानी नहीं है। वह जब चाहे तब परीक्षाएं-साक्षात्कार शुरू कर सकता है। लेकिन सरकार की मंजूरी जरूरी है।
निलंबित कुलपति रामपालसिंह की आरे से विशेष अदालत में वकील अजय वर्मा की ओर से प्रार्थना पत्र दायर किया था। इसमें बताया कि उसके खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी अनुचित है। उसने गिरफ्तारी पूर्व अधिनियम की धारा 17 के प्रावधानों की पालना नहीं करने की आपत्ति लगाते हुए खुद को शिक्षक और कुलपति जैसे सम्मानित पद पर होना बताया।