अधिकृत सूत्रों के अनुसार अधिकांश कुलपतियों-प्राचार्यों ने प्रथम वर्ष में प्रमोशन और द्वितीय, तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध, उत्तराद्र्ध की परीक्षाएं कराने पर जोर दिया है। उनका मानना है, कि विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल प्रमोट करना तर्क संगत नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा इंतजाम के साथ पिछले साल भी तृतीय वर्ष और पीजी स्तर की बकाया परीक्षाएं कराई गई थीं।
कॉलेज-विश्वविद्यालयों के लाखों विद्यार्थी असमंजस में है। उनकी वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं पर स्थिति साफ नहीं है। ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। परीक्षाएं कराए बगैर संस्थानों में सत्र 2021-22 के प्रवेश भी मुश्किल हैं। हालांकि कमेटी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों से चर्चा की है।
-प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को किया जाए प्रमोट
-द्वितीय वर्ष में मल्टीपल च्वॉइस परीक्षा
-तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की लाएं परीक्षाएं
-भविष्य में केवल सालाना परीक्षा के बजाय सेमेस्टर एग्जाम
-कैंपस खुलने से पहले और बाद में विद्यार्थियों का टीकाकरण