scriptवो हाइवे पर बदल रहे थे बस का टायर, अचानक यमदूत बनकर आ गया ट्रोला | Road Accident in ajmer Three person dead on the spot | Patrika News

वो हाइवे पर बदल रहे थे बस का टायर, अचानक यमदूत बनकर आ गया ट्रोला

locationअजमेरPublished: Nov 25, 2017 08:50:33 am

Submitted by:

manish Singh

तीनों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। चालक ट्रोला छोड़कर फरार हो गया।

three persons died in road accident in ajmer

three persons died in road accident in ajmer

अजमेर/सराधना।

तबीजी के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह दर्दनाक हादसा पेश आया। वीडियोकोच बस के पंक्चर टायर को बदलने उतरे चालक, खलासी और एक यात्री तेज रफ्तार ट्रोले की चपेट में आ गए। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रामगंज थाना पुलिस ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।
सहायक उप निरीक्षक जितेन्द्र कुमार ने बताया कि दिल्ली से अहमदाबाद जा रही वीडियोकोच बस का टायर सुबह पंक्चर हो गया। बस के चालक भैरू सिंह ने बस रोककर द्वितीय चालक पाली निवासी नानूराम बंजारा, खलासी डूंगरपुर निवासी शंकर मीणा को टायर बदलने के लिए नीचे उतारा। उनके साथ बस में सवार यात्री अहमदाबाद निवासी विकास उप्पल भी उतरा।
इसी दौरान जयपुर की ओर से तेज रफ्तार में आए ट्रोले ने तीनों को चपेट में लेते हुए कुचल दिया। तीनों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। चालक ट्रोला छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने मृतकों की पहचान के बाद बस के द्वितीय चालक पाली भाटों का बास निवासी नानूराम का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन के सुपुर्द कर दिया। मृतक विकास और शंकर मीणा के परिजन के आने पर शनिवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
सिर कुचला, बिखरे लोथड़े

हादसा इतना विभीत्स था कि तीनों के शरीर क्षत-विक्षत हो गए। शरीर के अंग ट्रोले की टक्कर से काफी दूर जा गिरे। वहीं नानू का शव ट्रोले में फंसकर काफी दूर तक चला गया। रामगंज थाना पुलिस व हाइवे गश्ती दल ने राहगीर की मदद से शव के टुकड़े समेट जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गनीमत रही कि तेज रफ्तार ट्रोला बस से नहीं टकराया। अन्यथा हादसा इससे बड़ा हो सकता था।
कई बार हो चुके हादसे

अजमेर में हाइवे पर कई बार हादसे हो चुके हैं। पिछले साल गश्त के दौरान एक पुलिस जीप पलटी खा गई थी। इसमें बैठे पुलिसकर्मियों को जबरदस्त चोटें आई। इससे पहले भी कई ट्रक और बस के चालक-परिचालक और सवारियां ऐसे हादसों का शिकार हो चुके हैं। खासतौर पर सर्दियों में हादसे ज्यादा होते हैं। घने कोहरे अथवा कोई इंडिकेटर या लाइट नहीं होने से सामने या पीछे से आने वाले वाहन को कुछ नहीं दिखता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो