आखिर 8 साल के लम्बे इंतजार के बाद परासिया रेलवे फाटक पर आरओबी की दूसरी भुजा भी बनकर तैयार हो गई है। कुछ साल पहले बनी एक भुजा और अब दूसरी भुजा को भी जोड़ दिया गया है। इस भुजा पर सड़क के डामरीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है।
जनवरी महीने के अंत तक दूसरी भुजा का सम्पूर्ण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और फरवरी माह की शुरुआत में यह आरओबी आवागमन के लिए उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद इस आरओबी पर वन-वे का यातायात शुरू कर दिया जाएगा। करीब 66 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में अभी इसके पास ही एक ओर आरओबी बनना प्रस्तावित है।
किशनगढ़ और अजमेर के बीच परासिया रेलवे फाटक को बंद कर आवागमन के लिए आरओबी के लिए राज्य सरकार और रेलवे की ओर से 50-50 प्रतिशत बजट तैयार कर करीब 66 करोड़ रुपए के बजट से रेलवे फाटक पर दो आरओबी की भुजाओं का प्राजेक्ट तैयार किया गया।
वर्ष 2012 में आरओबी निर्माण के टेंडर जारी किए गए। जमीनी कानूनी पेचिदगियों की वजह से करीब दो साल तक कार्य शुरू नहीं हो सका और आखिरकार इन अड़चनों के दूर होने पर वर्ष 2014 में आरओबी की एक भुजा का निर्माण शुरू कर दिया गया।
इसके बाद नियमित निर्माण कार्य चलने से दिसम्बर 2018 में किशनगढ़ की तरफ की भुजा का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया और इस भुजा पर कलर और सड़क निर्माण तक पूरा हो गया और यह भुजा पूरी तरह तैयार हो गई, लेकिन दूसरी तरफ की भुजा के लिए जमीनी प्रकरण की कानूनी पेचिदगियों की वजह से शुरू नहीं हो सका। इस वजह से केवल एक भुजा ही बन कर तैयार कर दी गई।
वर्ष 2020 में दूसरी भुजा का निर्माण शुरू कानूनी पेचिदगियों की अड़चनों के दूर होने के बाद आखिरकार दिसम्बर 2019 में अजमेर की तरफ की भुजा का निर्माण शुरू किया गया। करीब तीन माह तक निरंतर निर्माण किया गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप में देश और प्रदेशभर में लागू लॉकडाउन की वजह से भुजा का निर्माण भी पूर्णत: बंद हो गया।
अनलॉक के बाद एक बार फिर काम शुरू हुआ और अब आरओबी की अजमेर की तरफ की दूसरी भुजा का भी निर्माण शुरू किया गया। लगातार निर्माण कार्य किए जाने से अब यह दूसरी भुजा भी बनकर लगभग तैयार हो गई है।
रेलवे के जानकारों का कहना है कि संभवत: जनवरी माह तक आरओबी भुजा का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और फरवरी में यह ट्रेफिक के लिए उपलब्ध कर दी जाएगी। कागजी रिकॉर्ड में यहां आवागमन के लिए यहां दो आरओबी प्रस्तावित हैं और इसी के अनुरूप 66 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। यह एक भुजा बनकर तैयार हुई है और यह वन वे के लिए उपलबध होगी।