पैनल रहने चाहिए गोपनीय, सम्बद्धता प्रक्रिया में हो नवाचार अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने कॉलेज सम्बद्धता को ‘कमाई Ó के दायरे से निकालने सहित नवाचार और विकेंद्रीकरण की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। उच्च स्तरीय समिति सम्बद्धता और भारी-भरकम जुर्माने जैसी व्यवस्थाओं में तब्दीली की पक्षधर है।
कॉलेज को सम्बद्धता, सीट वृद्धि और परीक्षा केंद्र बनाने की आड़ में हुए ‘घूसकांडÓ से महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। निलंबित कुलपति रामपाल सिंह, उसका दलाल रणजीत और अन्य को एसीबी ने रकम सहित गिरफ्तार किया था। कार्यवाहक कुलपति ओम थानवी ने कामकाज के विकेंद्रीकरण, पारदर्शिता-शुचिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बी.एम.शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। इसमें प्रो. अशोक नागावत, प्रो. संजय लोढा,डॉ. एस. आशा, प्रो. शिव प्रसाद शामिल हैं।
सम्बद्धता नहीं कमाई का जरिया
समिति पदाधिकारियों की हाल में एकेडेमिक विभाग से वीडियो कॉन्फे्रंसिंग हुई थी। समिति अध्यक्ष प्रो. शर्मा ने कहा कि नियमानुसार सम्बद्धता देना विवि की जिम्मेदारी है। सम्बद्धता को आमदनी का जरिया नहीं बनाना चाहिए। कॉलेज पर भारी-भरकम जुर्माने के बजाय विवेकपूर्ण काम होना चाहिए। कॉलेजों के निरीक्षकों के पैनल की गोपनीयता रखनी आवश्यक है। ऑनलाइन सम्बद्धता आवेदन-प्रक्रिया पर चर्चा होनी चाहिए।
समिति पदाधिकारियों की हाल में एकेडेमिक विभाग से वीडियो कॉन्फे्रंसिंग हुई थी। समिति अध्यक्ष प्रो. शर्मा ने कहा कि नियमानुसार सम्बद्धता देना विवि की जिम्मेदारी है। सम्बद्धता को आमदनी का जरिया नहीं बनाना चाहिए। कॉलेज पर भारी-भरकम जुर्माने के बजाय विवेकपूर्ण काम होना चाहिए। कॉलेजों के निरीक्षकों के पैनल की गोपनीयता रखनी आवश्यक है। ऑनलाइन सम्बद्धता आवेदन-प्रक्रिया पर चर्चा होनी चाहिए।