परिसीमन के बाद अजमेर (
ajmer) शहर में 60 से बढ़कर 80 वार्ड हो गए हैं। इससे कुछ क्षेत्रों में मौजूदा वार्ड के दो टुकड़े हुए हैं। ऐसे में मौजूदा पार्षद नए बने दोनों वार्डों में अपनी स्थिति मजबूत मान कर चल रहे हैं। इसे देखते हुए कुछ मौजूदा पार्षदों ने एक वार्ड से पत्नी तो दूसरे वार्ड से खुद चुनाव लडऩे की योजना बनाई है। उनका यहां तक कहना है कि पत्नी को पार्टी सिंबल नहीं मिलने पर दोनों निर्दलीय के रूप में नामांकन भर देंगे।
कांग्रेस में संकट ज्यादा एससी पार्षदों के इन तेवरों को देखते हुए टिकट को लेकर कांग्रेस के समक्ष संकट खड़ा हो सकता है। कांग्रेस के पार्षद सुनील केन और चंद्रशेखर बालोटिया ने तो अपनी मंशा साफ तौर पर जाहिर भी कर दी है। उनका कहना है कि केन का मौजूदा वार्ड 17 ही टूट कर 22 और 23 बना है। ऐसे में केन की पत्नी को टिकट नहीं मिला तो पति-पत्नी दोनों वार्ड 22 और 23 से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह बालोटिया का वार्ड 14 टूटकर 18 और 19 बन गया। बालोटिया ने भी पत्नी को टिकट नहीं देने पर 18 और 19 में निर्दलीय चुनाव लडऩे की मंशा पार्टी तक पहुंचा दी है।