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अजमेर

पानी और शिकार की तलाश : आबादी में घुस रहे पैंथर

अरावली पर्वत शृंखला से जुड़ी अजमेर जिले की पहाडिय़ों में हिसंक वन्यजीव सक्रिय, जंगल में स्वाभाविक शिकार की कमी, पैंथर की मौजूदगी के मिले कई प्रमाण, कई बार पिंजरे में भी पकड़े गए पैंथर

अजमेरJul 01, 2020 / 12:30 am

suresh bharti

पानी और शिकार की तलाश : आबादी में घुस रहे पैंथर

पानी और शिकार की तलाश : आबादी में घुस रहे पैंथर

अजमेर/केकड़ी. अरावली पर्वत शृंखला से जुड़ी अजमेर जिले की पहाडिय़ों में कई हिंसक वन्यजीव सक्रिय हैं। इनमें पैंथर की उपस्थिति की पुष्टि हुई है। जंगल में पानी की समस्या है। कोई शिकार भी नहीं है। ऐसे में पैंथर भटकते-भटकते आबादी में घुसने को मजबूर हैं जो मवेशी बाड़ों में आकर बकरी, गाय,भैंस व अन्य का शिकार कर रहे हैं। कई बार जंगल में चरवाहों पर हमले की घटनाएं भी हुई है।
चरवाहे का पैंथर ने हाथ चबाया

मंगलवार को जिले के केकड़ी उपखंड स्थित लसाडिय़ा गांव में एक साठ वर्षीय चरवाहे का पैंथर ने हाथ चबा दिया। गनीमत रही कि किसान को जैसे ही हमले का आभास हुआ। उसने लाठी से वार कर अपना बचाव किया, लेकिन पैंथर ने हाथ पर झपट्टा मार दिया। घायल लसाडिय़ा निवासी नारायण बैरवा का जूनियां स्थित स्वास्थ्य केन्द्र पर प्राथमिक उपचार किया गया।
दो-तीन दिन से पैंथर की मूवमेंट

ग्रामीणों के मुताबिक लसाडिय़ा के खेतों में पैंथर की मूवमेंट नजर आने पर तीन दिन पहले वन विभाग को सूचना दे दी थी। इसके बाद रविवार को वन विभाग के कार्मिक लसाडिय़ा पहुंचे और मौके से पगमार्ग उठाए। किसानों का मानना है कि आसपास के क्षेत्र में कई मृत पशु मिले हैं। इनका पैंथर ने शिकार किया है।
जिले में कई जगह सक्रिय

अजमेर जिले के मसूदा, भिनाय, श्रीनगर, अरांई, ब्यावर, किशनगढ़, पुष्कर, खरवा, सावर, जवाजा सहित कई कस्बों से सटे पहाड़ी इलाके में हिंसक वन्यजीव सक्रिय हैं। पैंथर हमले में कई चरवाहे घायल हुए हैं। मसूदा,खरवा व घूघरा घाटी से तो पैंथर को पिंजरे से पकड़ा भी है। एक साल के भीतर पैंथर ने करीब तीन सौ से अधिक मवेशियों का शिकार किया है। दो दर्जन से अधिक किसान हमले में घायल हो गए। वैसे पहाड़ी क्षेत्र में पैंथर के इलावा रीछ, जरक, लोमड़ी व अन्य देखे जाते रहे हैं। जानकारों की मानें तो जंगल सिकुड़ रहे हैं। शिकार की कमी आ गई। पेयजल की दिक्कतें हैं। ऐसे में वन्यजीव बस्ती में घुस रहे हैं।
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