वर्ष 2007-08 में स्थापित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्राओं के लिए नियमित प्लेसमेंट ड्राइव होते है। इसमें देश की विभिन्न कम्पनियों को बुलाया जाता है। इनमें टाटा कम्यूनिकेशन बॉश, विप्रो और अन्य कम्पनियां शामिल हैं। कई छात्राओं का इनमें प्लेसमेंट हुआ है। अब तक कॉलेज की छात्रा को 7.50 लाख रुपए का सर्वोच्च पैकेज मिला है।
घोषणा हुई हवा…
कॉलेज प्रशासन ने डेढ़ साल पहले गूगल, फेसबुक और एमेजॉन जैसी नामचीन कम्पनियों को प्लेसमेंट के लिए आमंत्रण करने की घोषणा की थी। तत्कालीन प्राचार्य डॉ. अजयसिंह जेठू ने इसकी योजना भी बनाई। लेकिन उनके मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलीज में वापस जाते ही मामला खटाई में पड़ गया। पिछले सात महीने से कॉलेज में स्थाई प्राचार्य नहीं है। बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रंजन माहेश्वरी के पास कॉलेज की अतिरिक्त जिम्मेदारी है।
कॉलेज प्रशासन ने डेढ़ साल पहले गूगल, फेसबुक और एमेजॉन जैसी नामचीन कम्पनियों को प्लेसमेंट के लिए आमंत्रण करने की घोषणा की थी। तत्कालीन प्राचार्य डॉ. अजयसिंह जेठू ने इसकी योजना भी बनाई। लेकिन उनके मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलीज में वापस जाते ही मामला खटाई में पड़ गया। पिछले सात महीने से कॉलेज में स्थाई प्राचार्य नहीं है। बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रंजन माहेश्वरी के पास कॉलेज की अतिरिक्त जिम्मेदारी है।
कई कॉलेज-विश्वविद्यालय पीछे
कैंपस प्लेसमेंट के मामले उच्च शिक्षा विभाग के अधीन सरकारी कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय बहुत पिछड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय में लम्बे अर्से से कोई बड़ा प्लेसमेंट फेयर का आयोजन नहीं हुआ है। सरकारी कॉलेज भी युवा विकास केंद्रों के माध्यम से रोजगारोन्मुखी संगोष्ठी, सेमिनार के अलावा खास आयोजन नहीं कर पाए हैं। निजी उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थाएं जरूर कैंपस प्लेसमेंट का आयोजन करती हैं, लेकिन इनमें भी विश्व की बड़ी कम्पनियां नहीं आई हैं।
कैंपस प्लेसमेंट के मामले उच्च शिक्षा विभाग के अधीन सरकारी कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय बहुत पिछड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय में लम्बे अर्से से कोई बड़ा प्लेसमेंट फेयर का आयोजन नहीं हुआ है। सरकारी कॉलेज भी युवा विकास केंद्रों के माध्यम से रोजगारोन्मुखी संगोष्ठी, सेमिनार के अलावा खास आयोजन नहीं कर पाए हैं। निजी उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थाएं जरूर कैंपस प्लेसमेंट का आयोजन करती हैं, लेकिन इनमें भी विश्व की बड़ी कम्पनियां नहीं आई हैं।