इसका निर्माण केन्द्रीय योजना के तहत होने से रीजनल कॉलेज अथवा राज्य सरकार को किसी भी तरह की राशि भी नहींं खर्च करनी पड़ेगी। एक माह में सोलर प्लांट के जरिए बेची गई बिजली की कुल राशि को रीजनल कॉलेज के मासिक बिल से घटाया जाएगा इसके बाद जो राशि बचेगी उतना ही बिजली का बिल जमा करवाया जाएगा। सोलर प्लांट के लिए राज्य अक्षय ऊर्जा निगम ने सर्वे पूरा कर लिया है।
स्मार्ट सिटी के तहत 900 किलोवाट के प्लांट की तैयारी शहर में सौर ऊ र्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी भवनों पर स्मार्ट सिटी के तहत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। ताकि बिजली का उत्पादन किया जा सके। इसके लिए पूर्व में 33 भवनों का सर्वे किया जा चुका है। पहले चरण में जेएलएन हास्पिटल, मेडिकल कॉलेज के 4 भवन, कलक्ट्रेट भवन, आरपीएससी, माध्यमिक बोर्ड सहित 9 भवन शामिल हैं।
इन पर 100-100 किलीवाट के प्लांट रेस्को मॉडल पर लगाए जाएंगे। सोलर प्लांट से निर्मित बिजली का रेट प्रति यूनिट 3.19 रुपए रखा जाएगा। बिजली के उत्पादन से कार्यालयों की बिजली बिल में बचत होगी तथा पर्यावरण को फायदा होगा।
शहर में इन भवनों पर लगेगें है बड़े सोलर प्लांट अजमेर शहर के कई सरकारी कार्यालय भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं। इनमें राज्य का पहला 25 किलोवाट का ऑटोमेटड पावर प्लांंट अजमेर डिस्कॉम मुख्यालय भवन पर लगाया गया है। यहां से सीधे ग्रिड को बिजली भेजी जाती है।
राजस्व मंडल में बैट्री बैकअप के साथ 35 किलोवाट का पावर प्लांट लगाया गया है। एडीए में 84 किलोवाट, संस्कृति स्कूल में 144 किलोवाट, माध्यमिक शिक्षाबोर्ड में 100 किलोवाट, रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों पर सोलर पावर प्लांट लगाए गए है। इसके अलावा निजी भवनों पर भी सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं।