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अजमेर

हाइवे के पास हैं ये चार गवर्नमेंट स्कूल, सरकार पीपीपी मोड पर इन्हें बेचने को तैयार

सरकारी विद्यालयों को लेने वालों की ओर से भी हाइवे पर स्थित या इसके नजदीकी विद्यालयों को शामिल किया गया है।

अजमेरFeb 07, 2018 / 08:03 am

Prakash Chand Joshi

schools on ppp mode

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चन्द्रप्रकाश जोशी/ अजमेर।

राज्य सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड पर देने की लगभग तैयारी पूरी कर ली गई है। अजमेर जिले के चार विद्यालयों को पीपीपी मोड पर देने का तखमीना बना लिया गया है। यह चारों ऐसे विद्यालय हैं जो राष्ट्रीय राजमार्ग (हाइवे) से एक से दो किलोमीटर निकट हैं। इन विद्यालयों के टेंडर की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
अजमेर जिले में पब्लिक पार्टनरशिप पार्टनरशिप के तहत जिन चार विद्यालयों को पहली सूची में शामिल किया गया है इनमें दो शहरी क्षेत्र एवं शेष दो ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय शामिल हैं। पीपीपी मोड पर सरकारी विद्यालयों को लेने वालों की ओर से भी हाइवे पर स्थित या इसके नजदीकी विद्यालयों को शामिल किया गया है। वजह जो भी हो मगर आवागमन की सुगमता को प्राथमिकता दी गई है।
राजमार्ग से निकटता

राजकीय माध्यमिक विद्यालय सथाना बाजार बिजयनगर हाइवे से एक किमी दूर स्थित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालय बालिका खाटाओली हाइवे से 2 किमी दूर हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालय मानखंड 2 किमी एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालय रसूलपुरा हाइवे से 2 किमी दूर स्थित है।
करोड़ों की जमीन एवं कक्षाकक्ष

रामावि सथाना बाजार के भवन एवं जमीन की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है। राबामावि खाटाओली में आठ कमरे हैं। व्यापारिक स्कूल के पीछे की जमीन में से अलग-अलग जमीन का निर्धारण किया जा रहा है। यह भी करोड़ों की जमीन है। रामावि मानखंड केकड़ी में करीब 6 बीघा जमीन के साथ 15 कमरे का भवन है और प्रति बीघा 50 हजार रुपए की कीमत आंकी जा रही है। रामावि रसूलपुरा में भी सात कमरे एवं तीन बरामदे हैं एक खुला हिस्सा कुल 2 ढाई बीघा में जमीन है।
नामांकन की स्थिति

रामावि सथाना बाजार में 238, राबामावि खाटाओली में 236, रामावि मानखंड में 319 एवं रामावि रसूलपुरा में 196 विद्यार्थियों का नामांकन है।

वजह से अनभिज्ञ प्रधानाध्यापक

इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/ प्रभारियों को विद्यालय पीपीपी मोड पर जाने की सूचना तो है मगर सभी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि आखिर क्या वजह है जिससे विद्यालय पीपीपी मोड पर दिए जा रहे हैं। मानदंड के कृष्णगोपाल शर्मा, खाटाओली की संजीदा परवीन, रसूलपुरा के राजेश शर्मा ने बताया कि उनके विद्यालयों के नाम पीपीपी मोड पर जाने वाले विद्यालयों की सूची में शामिल हैं।

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