सुखविंदर ने ब्यावर में हुए एक कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो सौ बच्चों के साथ स्टेज पर प्रस्तुति दी। इसके लिए तिरंगे की पोशाक सिलवाई। अपने 45 मिनिट की प्रस्तुति में आधे घंटे तक देशभक्ति पर ही प्रस्तुति दी।
गानों में फूहड़ता के सवाल पर सुखविंदर सिंह ने कहा कि युवाओं के नाम पर गानों में फूहड़ता करना सही नहीं है। आयु के आधार पर गाने सुनने वालों को वर्गों में नहीं बांट सकते है। जो गाना कर्णप्रिय है अर्थ भरा है, उसे सभी वर्गों के लोग सुनेंगे।
सुखविंदर आजकल शास्त्रीय एक शिक्षक के घर जाकर संगीत सीख रहे है। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत भारतीय संगीत की आत्मा है। इससे आवाज और आत्मा दोनो शुद्ध होती है। बच्चों के प्रति फर्ज निभाए अभिभावक
सुखविंदर सिंह ने कहा कि भारत में बहुत प्रतिभा है। रियलिटी शो में छोटे-छोटे बच्चे बेहतरीन गाते है। लेकिन उनके माता पिता का भी एक फर्ज है कि उन्हें सही दिशा दे और संयम बरतना सिखाए। सारेगामा के साथ उन्हें अन्य विषयों का भी ज्ञान कराए।