टॉडगढ़ क्षेत्र के गांवों में पानी डेढ़ सौ से एक सौ सत्तर फीट तक नीचे चला गया है। इसके चलते हैंडपम्प हांफने लगे हैं। ग्रामीणों को एक से डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने एक मई से मालातों की बैर, ऊपर की गुहार, नाडा, माथुवाड़ा व धर्मा की तलाई में पहले चरण में टैंकरों से जलापूर्ति के प्रस्ताव तैयार किए हैं। इन गांवों के संबंधित पटवारी की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद जलापूर्ति पर निर्णय होगा।
ऊंची पहाडिय़ों में आबाद यह गांव प्रदेश में माउंट आबू के बाद धर्मा की तलाई, ऊपर की गुहार व आस-पास का क्षेत्र सबसे ऊंचा माना जाता है। यह क्षेत्र चारों ओर पहाडिय़ों से घिरा हुआ है। यहां पर आवागमन के साधन सीमित है। रास्ते भी दुर्गम है। ऐसे में ग्रामीणों को पानी लाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
सुबह जल्दी पानी लाने के लिए जाने के दौरान वन्य जीवों का भय भी बना रहता है। हालात यह है कि ऊपर की गुहार के ग्रामीण करीब एक किलोमीटर दूर स्थित एक कुएं से पानी लाने को मजबूर हैं।
फिलहाल पांच गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। यदि इन प्रस्ताव पर अनुमति मिल जाती है तो इन गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति की जाएगी। इन क्षेत्रों में जल स्तर गिरने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कमलकुमार बोहरा, एईएन, जलदाय विभाग