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अजमेर

पंजीयन विभाग के एएओ ने ही पकड़ा फर्जीवाड़ा तो शुरु हुई जांच

खुद की रजिस्ट्री करवाई तो चालान पर हुआ शक
4 जिलों में 676 मामले अब तक सामने आए

अजमेरOct 14, 2021 / 07:44 pm

bhupendra singh

ajmer

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अजमेर. जमीनों की रजिस्ट्री करवाने के दौरान फर्जीवाड़ा कर ई-ग्रास के जरिए फर्जी चालान जमा करवाने का मामला जयपुर में ही पकड़ में आया। पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग के ही एक एएओ जब खुद अपनी रजिस्ट्री करवाने पहुंचे तो चालान का जीआरएन नम्बर उन्हें गलत लगा। जब उन्होंने इसे क्रॉस चेक करवाया तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। एक ही नम्बर के दो चालान सामने आए। पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग को मामले की जानकारी लगी तो विभाग के डाटा माइनिंग के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई। टीम की जांच में 8 मामलों में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। विभाग ने 2017 से अपना डाटा खंगालना शुरु किया तो राज्य के जिलों में विभाग के कई डाटा मिस मैच पाए गए। फर्जीवाड़े का आंकड़ा बढ़कर 676 तक पहुंच गया है।
फैक्ट फाइंडिग कमेटी कर रही जांच

ई-ग्रास के जरिए चालान जमा करवाने में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत की जांच के लिए विभाग ने फैक्ट फाइंडिग कमेटी गठित की है। कमेटी यह जांच रही है कि इस तरह की गड़बड़ी क्यों हुई और इसमें कौन-कौन शामिल हैं। कमेटी में एडिशनल आईजी, लेखा, विधि तथा तकनीकी एक्सपर्ट शामिल है। सॉफ्टवेयर को भी जांचा जा रहा है।
कहां कितने मामले

ई-ग्रास के जरिए चालान जमा करवाने में जमकर फर्जीवाड़ा तो जयपुर में ही हुआ है। यहां सब रजिस्ट्रार कार्यालय 2, 5,8 व 10 में प्रत्येक में 150-200 मामलों में फर्जी चालान ई-ग्रास के जरिए जमा करवाते हुए जमीनों का पंजीयन करवाया गया तथा सरकारी खजाने को चूना लगाया गया। जयपुर के अलाव बांसवाड़ा में 34, भीलवाड़ा में करीब 25, तथा भरतपुर/ धौलपुर में करीब 27 मामले सामने आ चुके हैं। इनके जरिए 7.94 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को हुई है। अब तक 2 करोड़ रूपए वसूले जा चुके हैं।

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