फैक्ट फाइंडिग कमेटी कर रही जांच ई-ग्रास के जरिए चालान जमा करवाने में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत की जांच के लिए विभाग ने फैक्ट फाइंडिग कमेटी गठित की है। कमेटी यह जांच रही है कि इस तरह की गड़बड़ी क्यों हुई और इसमें कौन-कौन शामिल हैं। कमेटी में एडिशनल आईजी, लेखा, विधि तथा तकनीकी एक्सपर्ट शामिल है। सॉफ्टवेयर को भी जांचा जा रहा है।
कहां कितने मामले ई-ग्रास के जरिए चालान जमा करवाने में जमकर फर्जीवाड़ा तो जयपुर में ही हुआ है। यहां सब रजिस्ट्रार कार्यालय 2, 5,8 व 10 में प्रत्येक में 150-200 मामलों में फर्जी चालान ई-ग्रास के जरिए जमा करवाते हुए जमीनों का पंजीयन करवाया गया तथा सरकारी खजाने को चूना लगाया गया। जयपुर के अलाव बांसवाड़ा में 34, भीलवाड़ा में करीब 25, तथा भरतपुर/ धौलपुर में करीब 27 मामले सामने आ चुके हैं। इनके जरिए 7.94 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को हुई है। अब तक 2 करोड़ रूपए वसूले जा चुके हैं।