scriptअजमेर में हैं दूल्हा-दुल्हन की स्कूल | There is a bride and groom's school in Ajmer | Patrika News
अजमेर

अजमेर में हैं दूल्हा-दुल्हन की स्कूल

अजमेर से सटे पालरा, नरवर, नाहरपुरा, बुबानी जैसे कई ऐसे गांव हैं जहां सरकारी स्कूलों में ही नाबालिग विवाहित जोड़ों का कहीं एक ही स्कूल में, तो कहीं अलग-अलग गांवों के सरकारी विद्यालयों में बहुतायत से नामांकन है और वे कक्षाओं में पढऩे आ रहे हैं।

अजमेरSep 22, 2021 / 11:44 pm

युगलेश कुमार शर्मा

अजमेर में हैं दूल्हा-दुल्हन की स्कूल

अजमेर में हैं दूल्हा-दुल्हन की स्कूल

युगलेश शर्मा.

अजमेर. बाल विवाह पर रोक का कानून ‘शारदा एक्टÓ भले ही अजमेर के ही हरबिलास शारदा की देन हो लेकिन इसी जिले में बाल विवाह को रोकने में प्रशासन नाकाम रहा है। अजमेर से सटे पालरा, नरवर, नाहरपुरा, बुबानी जैसे कई ऐसे गांव हैं जहां सरकारी स्कूलों में ही नाबालिग विवाहित जोड़ों का कहीं एक ही स्कूल में, तो कहीं अलग-अलग गांवों के सरकारी विद्यालयों में बहुतायत से नामांकन है और वे कक्षाओं में पढऩे आ रहे हैं। खास बात यह है कि हाल ही विधानसभा में सभी तरह के विवाह रजिस्ट्रेशन संबंधी विधेयक को ‘काला कानूनÓ बता कर विरोध करने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी खुद के निर्वाचन/गृहक्षेत्रों में बाल विवाह को रोकने की कभी कोई पहल नहीं की।
पालरा में कई बच्चे परणाए

अजमेर से लगते पालरा गांव में कई बच्चे ऐसे हैं जिनके खेलने-कूदने की उम्र में ही हाथ पीले कर दिए गए। यहां के स्कूली बच्चों की मानें तो गांव की सरकारी स्कूल में छठी से लेकर बारहवीं तक हर क्लास में शादी-शुदा छात्र-छात्राएं मिल जाएंगी। हालांकि यहां कई बालविवाह टूट भी चुके हैं। इसके बावजूद ग्रामीण कम उम्र में ही अपने बच्चों की शादी करने से बाज नहीं आ रहे। बालिका वधू बेशक अभी ससुराल नहीं गईं लेकिन मां-बाप ने तो उन्हें सात फेरे दिलाकर अपनी ‘जिम्मेदारीÓ पूरी कर ली।
छाने-छाने कर ली शादी

पालरा में एक किराने की दुकान पर बैठे 16 वर्षीय किशोर मोनी रावत (बदला हुआ नाम) से पूछे जाने पर उसने एक साल पहले लॉकडाउन में स्वयं की शादी नरवर की लड़की से होना बताया। यह विवाहित युगल अपने-अपने गांव में दसवीं की पढ़ाई कर रहा है। कम उम्र में शादी पर पुलिस का डर नहीं लगा क्या? पूछे जाने पर उसका कहना था कि घर वालों ने छाने-छाने (गुपचुप) शादी की है।
9वीं में दूल्हा, 7वीं में दुल्हन
-पालरा के एक लड़के ने बातचीत में बताया कि उसके छोटे भाई धीतेन्द्र (बदला हुआ नाम) की शादी नाहरपुरा की लड़की से दो साल पहले हुई है। दूल्हा नवीं में तो दुल्हन सातवीं की पढ़ाई कर रही है।
-स्कूल से घर की तरफ लौट रहे ग्यारहवीं कक्षा के एक विद्यार्थी से पूछे जाने पर उसने खुलासा किया कि उसकी क्लास में ही एक लड़का और एक लड़की शादीशुदा है। उनकी अलग-अलग गांव में शादी हुई है।
-दसवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि उसकी अभी शादी तो नहीं हुई लेकिन बूबानी गांव की लड़की से सगाई हो चुकी है। मंगेतर 9वीं की पढ़ाई कर रही है।
रिश्ता मिल गया. . तो कर दी शादी

एक बच्चे के पिता घीसू (बदला हुआ नाम) से बेटे की बचपन में ही शादी करने का कारण पूछे जाने पर उनका कहना था कि . . .रिश्ता मिल गया, सो शादी कर दी। बाद में रिश्ते टूटते नहीं क्या. . .? के जवाब में घीसू का कहना था कि यूं तो गांव में कई रिश्ते टूट चुके हैं। किसी लड़के में कमी होती है तो किसी लड़की में, आजकल तो रिश्ता तोडऩे पर लड़की वालों की तरफ से 5 लाख रुपए तक की मांग भी की जाने लगी है।
विधायक बोले…

बाल विवाह निश्चित रूप से कुप्रथा है। इस पर विराम लगना चाहिए। इसके लिए जनजागृति की भी आवश्यकता है। कुछ लोग खर्चों से बचने के लिए ऐसा करते हैं। ऐसे गरीब लोगों को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता भी मिलनी चाहिए, ताकि निर्धारित उम्र में ही वह बच्चों की शादी करें।
सुरेश रावत, विधायक पुष्कर

Home / Ajmer / अजमेर में हैं दूल्हा-दुल्हन की स्कूल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो